Published: Nov 26, 2018 02:41:45 pm
Saurabh Sharma
आरबीआर्इ चालू वित्त वर्ष में बचे बाकी महीनों में नीतिगत ब्याज दरों में किसी तरह की कोर्इ बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। वहीं मुद्रास्फीति के बढ़ने पर वित्त वर्ष 2020 के दौरान सोची समझी रणनीति के तहत ब्याज दरों में इजाफा किया जा सकता है।
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नर्इ दिल्ली। रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया की आेर से देश के लोगों के लिए राहतभरी खबर मिल सकती है। आरबीआर्इ चालू वित्त वर्ष में बचे बाकी महीनों में नीतिगत ब्याज दरों में किसी तरह की कोर्इ बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। वहीं मुद्रास्फीति के बढ़ने पर वित्त वर्ष 2020 के दौरान सोची समझी रणनीति के तहत ब्याज दरों में इजाफा किया जा सकता है। यह अनुमान सिंगापुर के बैंक डीबीएस की एक रिपोर्ट में लगाया गया है। आइए आपको भी बताते हैं कि बैंक की आेर से आैर क्या कहा गया है…
कुछ एेसा कहना रिपोर्ट का
नीतिगत ब्याज दरे काफी हद तक कच्चे तेल की कीमत और रुपए की स्थिति पर निर्भर है, जिसे अर्थशास्त्रियों की ओर से वाइल्ड कार्ड कहा जाता है। हेडलाइन इन्फ्लेशन के आंकड़े जारी होने के बाद सामने आई डीबीएस की रिपोर्ट के अनुसार लेंडर ने वित्त वर्ष 2019 के अपने अनुमान को 4.4 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2020 के लिए मूल्य वृद्धि परिदृश्य 4.2 फीसदी तक बढ़ सकता है जो कि आरबीआई को नीतिगत दरों में इजाफे के लिए प्रेरित करेगा।
दिसंबर में होगी आरबीआर्इ की बैठक
केंद्रीय बैंक ने अपनी अक्टूबर की पॉलिसी बैठक में ब्याज दरों को यथावत रखा था, इसके पहले इसने दो बार नीतिगत दरों में 0.25 फीसदी का इजाफा किया था। वर्तमान में रेपो रेट 6.5 फीसदी है। रेपो रेट पर आरबीआई की अगली बैठक 4 और 5 दिसंबर 2018 को होनी है। इसके बाद इस वित्त वर्ष की आखिरी बैठक 5 और 6 फरवरी 2019 को होगी।