रेडी टू मूव प्रॉपर्टी ही डिमांड में क्यों ? रियल एस्टेट कंपनी अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने बताया कि बैंकों की ओर से ब्याज दरों में कमी, होम पर सब्सिडी, नोटबंदी और जीएसटी के बाद माहौल बेहतर माहौल और रेडी टू मूव प्रॉपर्टी के विकल्प वाजिब कीमत में उपलब्ध होने से बुकिंग में तेजी आई है। इसके साथ ही पिछले दो-तीन साल से प्रॉपर्टी की कीमतें कम ही हुई हैं। डेवलपर्स कई तरह के डिस्काउंट भी ऑफर कर रहे हैं। इसका फायदा भी खरीददार उठा रहे हैं और प्रॉपर्टी की बुकिंग करा रहे हैं।
25 से 40 लाख के फ्लैट की मांग सबसे ज्यादा
प्रॉपर्टी कंसल्टिंग फर्म एपीएस के डायरेक्टर पंकज चौधरी ने बताया कि आम तौर पर फेस्टिव सीजन में प्रॉपर्टी की बुकिंग ज्यादा होती है लेकिन पिछले कुछ सालों से मार्केट सुस्त था। इस साल मार्केट में भी फिर से तेजी लौटी है। इस बार सबसे अधिक मांग 25 से 40 रुपए के बीच बन कर तैयार फ्लैट की है। घर खरीदार 2 से 3 लाख अधिक खर्च करने को तैयार हैं लेकिन वे रेडी टू मूव प्रॉपर्टी ही लेना चाह रहे हैं। अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी के खरीदार नहीं मिल रहे हैं।
प्रॉपर्टी कंसल्टिंग फर्म एपीएस के डायरेक्टर पंकज चौधरी ने बताया कि आम तौर पर फेस्टिव सीजन में प्रॉपर्टी की बुकिंग ज्यादा होती है लेकिन पिछले कुछ सालों से मार्केट सुस्त था। इस साल मार्केट में भी फिर से तेजी लौटी है। इस बार सबसे अधिक मांग 25 से 40 रुपए के बीच बन कर तैयार फ्लैट की है। घर खरीदार 2 से 3 लाख अधिक खर्च करने को तैयार हैं लेकिन वे रेडी टू मूव प्रॉपर्टी ही लेना चाह रहे हैं। अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी के खरीदार नहीं मिल रहे हैं।
डिमांड – सप्लाई का गैप कम होने से बदली तस्वीर रियल एस्टेट एक्सपर्ट प्रदीप मिश्रा के अनुसार इस त्योहारी सीजन में डिमांड और सप्लाई में गैप कम होने से रियल्टी मार्केट में तेजी लौट आई है। पिछले छह महीने से दिल्ली-एनसीआर में नए प्रोजेक्ट्स की लॉन्चिंग में करीब 60 फीसदी की कमी आ गई है। डेवलपर्स अपने अटके प्रोजेक्ट को पूरा करने पर जोर दे रहे हैं। इसका भी असर इस बार प्रॉपर्टी मार्केट पर देखने को मिल रहा है। एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई जैसे बड़े रियल्टी मार्केट में डिमांड से अधिक सप्लाई होने के चलते सुस्ती आ गई थी। अब सप्लाई कम होने और प्रॉपर्टी बन कर तैयार होने से खरीददार घर खरीद रहे हैं। क्वेरी के साथ कन्वर्जन भी तेजी बढ़ रहा है।