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Real Estate को बड़ी राहत, Commercial Projects पर Companies और NBFCs को मिलेगी रियायत

Published: Apr 20, 2020 02:06:50 pm

Submitted by:

Pragati Bajpai

अब एनबीएफसी अपने लोन की रिस्ट्रक्चरिंग कर पाएंगी, लेकिन इन्हें इस श्रेणी के कर्ज के रूप में नहीं माना जाएगा जिसकी वजह से वो रियल एस्टेट कंपनियों को एक्स्ट्रा लोन दे पाएंगी।

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नई दिल्ली: Reserve Bank of India लोन के मामले में रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ी राहत दी है। बैंक ने NBFCs को कमर्शियल रियल्टी प्रोजेक्ट के कर्ज की रीस्‍ट्रक्‍चरिंग की इजाजत दी है। देशभर में 3 मई तक 40 दिनों का लॉकडाउन लागू है। लॉक़डाउन की अवधि बढ़ने की वजह से इंडिया रेटिंग्स ने दावा किया है कि रियल्टी सेक्टर का रेवेन्यू 10 फीसदी तक कम हो सकता है। इसीलिए RBI ने एनबीएफसी बैंक्स को लोन्स की रिस्ट्रक्चरिंग करने की इजाजत दी है।

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जिसका मतलब है कि अब एनबीएफसी अपने लोन की रिस्ट्रक्चरिंग कर पाएंगी, लेकिन इन्हें इस श्रेणी के कर्ज के रूप में नहीं माना जाएगा जिसकी वजह से वो रियल एस्टेट कंपनियों को एक्स्ट्रा लोन दे पाएंगी। नियमों के मुताबिक माना जाएगा कि ये लोन नार्मल लोन है और इसका पेमेंट ऐसे कारणों से नहीं हो पाया जिन पर कंपनी या प्रमोटर्स का कंट्रोल नहीं है।

सितंबर 2019 तक रियल्टी सेक्टर पर एनबीएफसी का 1.3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बकाया था। इसी प्रकार, जनवरी 2020 तक बैंकों ने इस सेक्टर की कंपनियों को 2.27 लाख करोड़ रुपये तक कर्ज दिया हुआ था।

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आपको मालूम हो कि पिछले साल नवंबर में सरकार ने डेवलपर्स के अधूरे प्रोजेक्टों को पूरा करने में मदद करने के लिए 25,000 करोड़ रुपये के वैकल्पिक निवेश फंड का एलान किया था। इस फंड के द्वारा डेवलपर्स को अंतिम छोर तक मदद करने की राहत देने का एलान किया गया था। इसके अलावा इस फंड में एसबीआई कैप की भूमिका सबसे अहम थी।

इस सेक्टर में काम करने वालों का कहना है कि “र‍ियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के कमर्शियल परिचालन की शुरुआत की तारीख बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है। इससे डेवेलपर्स का नकद प्रवाह बेहतर होगा और परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जाएगा।”

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