नई दिल्लीPublished: Jun 22, 2018 03:49:54 pm
Saurabh Sharma
मुंबर्इ एक के आरटीआर्इ एक्टीविस्ट ने प्राप्त हुर्इ जानकारी के अनुसार अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक ने नोटबंदी के पांच दिन के अंदर 745.59 करोड़ रुपए मूल्य के प्रतिबंधित नोट जमा किए थे।
अमित शाह के बैंक में जमा हुए थे नोटबंदी के दौरान सबसे ज्यादा पुराने नोट
नर्इ दिल्ली। एक आरटीआर्इ में खुलासा हुआ है कि नोटबंदी के दौरान जिस बैंक के डायरेक्टर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह थे, उसी बैंक में सबसे ज्यादा 500 आैर 1000 रुपए के प्रतिबंधित नोट जमा किए गए थे। बैंक की वेबसाइट के अनुसार इस जिला सहकारी बैंक के अमित शाह सन 2000 में अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
अहमदाबाद में है यह जिला सहकारी बैंक
मुंबर्इ एक के आरटीआर्इ एक्टीविस्ट ने प्राप्त हुर्इ जानकारी के अनुसार अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक ने नोटबंदी के पांच दिन के अंदर 745.59 करोड़ रुपए मूल्य के प्रतिबंधित नोट जमा किए थे। आरटीआई के अनुसार, एडीसीबी के पास 31 मार्च 2017 को कुल 5,050 करोड़ रुपए जमा थे और वित्त वर्ष 2017-18 में बैंक का शुद्ध मुनाफा 14.31 करोड़ रहा था। हालांकि नोटबंदी की घोषणा के पांच दिन बाद सभी जिला सहकारी बैंकों को प्रतिबंधित नोट जमा करने से मना कर दिया गया था, क्योंकि यह आशंका जताई गई थी कि सहकारी बैंकों के जरिए काले धन को सफेद किया जा सकता है।
नोटबंदी के बाद पहली बार हुआ खुलासा
मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता मनोरंजन एस रॉय ने बताया कि नोटबंदी के बाद पहली बार राज्य सहकारी बैंकों और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों में जमा रकम की जानकारी का खुलासा आरटीआई के जरिए हुआ है। बता दें कि मोदी सरकार ने आठ नंवबर 2016 को रात आठ बजे अचानक नोटबंदी की घोषणा कर दी थी। नोटबंदी में उन्होंने उस समय चलन में रहे 500 और 1000 रुपए के नोटों पर प्रतिबंध लगाकर उन्हें चलन से बाहर कर दिया था। इसके बाद देश में आर्थिक भूचाल आ गया था।
राजकोट के इस बैंक में जमा हुए थे सबसे ज्यादा नोट
ताज्जुब की बात यह है कि अमित शाह के बैंक के बाद सबसे ज्यादा प्रतिबंधित नोट जमा करने वाला सहकारी बैंक राजकोट जिला सहकारी बैंक है। इसके अध्यक्ष गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की सरकार में कैबिनेट मंत्री जयेशभाई विलभाई रडाड़िया हैं। भाजपा सरकार के मंत्री के इस बैंक ने 693.19 करोड़ रुपए मूल्य के प्रतिबंधित नोट जमा किए थे। बता दें कि राजकोट गुजरात में भाजपा की राजनीति का केंद्र रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार यहीं से 2001 में विधायक चुने गए थे।