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नई दिल्ली। मुद्रास्फीति के जोखिम के साथ नकारात्मक वैश्विक संकेतों के कारण डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा रुपया मंगलवार को नए निचले स्तर पर पहुंच गया, जोकि 72.74 रुपए प्रति डॉलर है। अंतर बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में अपराह्न् 3.35 बजे रुपया डॉलर के मुकाबले 72.64 रुपए पर कारोबार कर रहा था। इसके पिछले दिन रुपया 72.45 रुपए प्रति डॉलर के निम्न स्तर पर बंद हुआ था। विश्लेषकों के मुताबिक, अनुमान है कि मुद्रास्फीति की दर अधिक रहेगी, वैश्विक व्यापार में संरक्षणवाद और देश के इक्विटी बाजार से विदेशों से निवेश की गई रकम को वापस निकालने से भारतीय मुद्रा में गिरावट आ रही है।
अभी और गिर सकता है रुपया
डॉलर के मुकाबले रुपए में हो रही लगातार गिरावट अभी लंबे समय तक रह सकती है। बाजार के जानकारों का कहना है कि अगले एक से दो महीने में रुपया 77 के स्तर तक गिर सकता है। इसके पीछे जानकारों ने कई तर्क दिए हैं। केडिया कमोडिटी के अजय केडिया का कहना है कि अमरीकी फेड रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना बनी हुई है। यदि एेसा होता है तो डॉलर को मजबूती मिलेगी और रुपए पर दबाव बरकरार रहेगा। इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतों में तेजी, शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों का मोहभंग, जीएसटी कलेक्शन में गिरावट भी रुपए में और गिरावट की वजह बन सकते हैं।
गिरावट थामने के लिए ये योजना बना रही सरकार
रुपए में हो रही लगातार गिरावट से केंद्र सरकार भी चिंता में है। गिरावट रोकने के लिए सरकार की ओर से अभी तक उठाए जा रहे कदम कारगर साबित नहीं हो रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मोदी सरकार रुपए की गिरावट रोकने के लिए 2013 वाला कदम उठा सकती है। तब मनमोहन सरकार ने रुपए की गिरावट रोकने के लिए अप्रवासी भारतीयों का सहारा लिया था। तब सरकार ने अप्रवासी भारतीयों को सस्ते दाम पर डॉलर बेचकर 34 अरब डॉलर कमाए थे। इसके बाद ही रुपए की गिरावट थम पाई थी।
Published on:
11 Sept 2018 05:43 pm
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