scriptवित्तवर्ष के तीसरी तिमाही में देश के इन दो बड़े बैंको को करोड़ों का नुकसान | SBI and uco banks had to bear major loss of crores in quaterly reports | Patrika News

वित्तवर्ष के तीसरी तिमाही में देश के इन दो बड़े बैंको को करोड़ों का नुकसान

Published: Feb 10, 2018 11:34:47 am

Submitted by:

manish ranjan

चालू वित्त वर्ष के तीसरी तिमाही में भारत के दो बड़े बैंको को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

Major Banks of India

नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष के तीसरी तिमाही में भारत के दो बड़े बैंको को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 2,416.37 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया है। बैंक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज में दाखिल नियामकीय फाइलिंग में बैंक ने कहा कि उसने 31 दिसंबर को खत्म हुई तिमाही में कुल 2,416.37 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में बैंक ने 2,610 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था। वहीं सरकारी यूको बैंक ने 31 दिसंबर, 2017 को खत्म हुई तिमाही में 1,016.43 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया है।

स्टेट बैंक का NPA हुआ 1,02,370.12 करोड़
समीक्षाधीन तिमाही में एसबीआई की कुल आय 62,887.06 करोड़ रुपये रही, जोकि 31 दिसंबर, 2016 को खत्म तिमाही में 53,587.51 करोड़ रुपये थी। समीक्षाधीन अवधि में एसबीआई का सकल फंसा हुआ कर्ज (गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां या जीएनपीए) 1,99,141.34 करोड़ रुपये रहा, तथा शुद्ध एनपीए 1,02,370.12 करोड़ रुपये रहा। जबकि वित्त वर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही के दौरान जीएनपीए 1,08,172.32 करोड़ रुपये तथा एनपीए 61,430.45 करोड़ रुपये था।

यूको बैंक को 1,016.43 करोड़ रुपये का घाटा
सरकारी यूको बैंक ने 31 दिसंबर, 2017 को खत्म हुई तिमाही में 1,016.43 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया है, जबकि एक साल पहले कंपनी को समान तिमाही में 437.09 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। फंसे हुए कर्ज के लिए उच्च प्रावधान करने के कारण बैंक के मुनाफे को चपत लगी है। समीक्षाधीन अवधि में बैंक के परिचालन मुनाफे में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 58.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। यूको बैंक ने बताया कि समीक्षाधीन अवधि में उसकी ब्याज आय घटकर 3,449.55 करोड़ रुपये रही, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 4192.47 करोड़ रुपये थी। समीक्षाधीन तिमाही में कर और आकस्मिकताओं के अलावा अन्य प्रावधान 1,385.38 करोड़ रुपये रहे, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 1,326.05 करोड़ रुपये थी।

2017 के मुकाबले एनपीए बढ़ा
इस दौरान बैंक के सकल गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (फंसा हुआ कर्ज या एनपीए) 14.43 फीसदी बढ़कर 25,382.40 करोड़ रुपये हो गईं, जबकि सकल एनपीए कुल कर्ज का 20.64 फीसदी रहा, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही में यह 17.18 फीसदी था।समीक्षाधीन अवधि में बैंक का एनपीए अनुपात 10.90 फीसदी हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 8.99 फीसदी था।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो