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SBI ने लगातार 9वीं बार MCLR दरों में की कटौती, कम होकर 7.85 फीसदी पर आया

Published: Feb 07, 2020 12:41:21 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

थोक और खुदरा जमा की ब्याज दरों में किया गया है संशोधन
10 फरवरी से लागू होंगी नई दरें, क्रक्चढ्ढ ने नहीं बदली रेपो दरें

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नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सभी परिपक्वता अवधि के ऋण पर सीमांत कोष की लागत आधारित ब्याज दर यानी एमसीएलआर लगातार नौंवी बार कटौती की है। यह कटौती भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा की बैठक में रेपो दरों को यथावत रखने के बाद की है। वहीं बैंक ने थोक और खुदरा जमा की ब्याज दरों में संशोधन किया है। अब नई दरों को 10 फरवरी से लागू कर दिया जाएगा। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर एमसीएलआर और बाकी दरों में कितना बदलाव किया है।

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इस तरह का किया एसबीआई ने बदलाव
एसबीआई ने लगातार नौंवी बार एमसीएलआर में 0.05 फीसदी की कटौती की है। बैंक द्वारा कटौती करने के बाद एक साल की परिपक्वता अवधि वाले ऋण का एमसीएलआर कम होकर 7.85 फीसदी पर आ गया है। वहीं दूसरी ओर एसबीआई ने बैंकिंग प्रणाली में तरलता की अधिकता को देखते हुए दो करोड़ रुपए से कम के खुदरा जमा तथा दो करोड़ रुपए से अधिक के थोक जमा की ब्याज दरों में भी संशोधन किया है। खुदरा जमा के लिए ब्याज दर में 0.1 से 0.5 फीसदी तक की तथा थोक जमा में 0.25 फीसदी से 0.50 फीसदी तक की कटौती की गई है।

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रेपो दरों में लगातार दूसरी बार नहीं किया बदलाव
बैंक ने एमसीएलआर में यह कटौती रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के नतीजों की घोषणा के एक दिन बाद की है। रिजर्व बैंक ने बैठक के बाद गुरुवार को रेपो दर को 5.15 फीसदी पर यथवत बनाए रखा। हालांकि केंद्रीय बैंक ने एक लाख करोड़ रुपए तक की राशि के लिए दीर्घकालिक रेपो की घोषणा की। इससे वाणिज्यिक बैंकों के लिए कर्ज जुटाना सस्ता हो गया। वहीं 2020-21 की जीडीपी दरों को 6 से 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है।

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