बैंक ने इस नए नियम को लागू करने के साथ इसमें विशेष परिस्थितियों का भी ख्याल रखा है। जैसे अगर किसी पिता को अपने बेटे के अकाउंट में पैसे जमा करने है तो पिता को बेटे से एक अनुमति लेटर लिखवाना होगा जिसपर बेटे के साइन होने बेहद जरुरी है। इसके अलावा बैंक काउंटर पर पैसे के साथ दी जाने वाली जमा फॉर्म पर बैंक खाता धारक का साइन होना चाहिए। इन दो परिस्थितियों में ही कोई दूसरा शख्स किसी के बैंक खाते में पैसे जमा कर पाएगा। हालांकि बैंक ने ये भी साफ कर दिया है कि अगर कोई ऑनलाइन किसी के बैंक खाते में पैसे जमा कराना चाहता है तो वह इसके लिए स्वतंत्र है। यहां नया नियम लागू नहीं होगा।
इसके अलावा अगर ग्रीन कार्ड और इंस्टा डिपॉजिट कार्ड है तो कोई भी व्यक्ति इस कार्ड के जरिये उसके खाते में बैंक जाकर या कैश डिपॅाजिट मशीन से पैसा जमा कर सकता है। एसबीआई का इस नए नियम को लेकर कहना है की हमने ये नया नियम आयकर विभाग के अनुरोध पर बनाया हैं। दरअसल नोटबंदी के दौरान कई बैंक खातों में बड़ी संख्या में हजार और पांच सौ नोट जमा किए गए थे। अब जांच के बाद जब लोगों से इतने सारे नोटों के बारे में पूछा जा रहा है तो उनका कहना है कि किसी अनजान शख्स ने उनके बैंक खातों में पैसे जमा करा दिए हैं। उनका उससे कोई लेना-देना नहीं है। इसके बाद ही आयकर विभाग ने सरकारी बैंकों से अनुरोध किया है कि वे ऐसे नियम बनाएं कि कोई दूसरा शख्स किसी के बैंक खाते में नकद रुपए नहीं जमा करा पाए, ताकि कोई व्यक्ति अपने बैंक खाते में जमा पैसे के बारे में अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही से बच न सके।