रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने आखिरी बार 22 मई, 2020 को रेपो रेट में बदलाव किया था, रेपो रेट वह दर है जिस पर कॉमर्शियल बैंक केंद्रीय बैंक से फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिए कम समय के लिए कर्ज लेते हैं।
रिजर्व बैंक ने द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा, ‘MPC ने रेपो रेट को चार प्रतिशत पर कायम रखने का फैसला किया है.’ इसी के हिसाब से रिवर्स रेपो दर भी 3.35 प्रतिशत पर कायम रखा गया है। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान को भी कायम रखा है।
रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने से फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याद दर कई साल से कम है। बैंक और गैर- बैंकिंग वित्तीय संस्थान पिछले दो साल से एफडी पर ब्याज दरें घटा रहे हैं. इन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद निवेशक अपनी FD पर रिटर्न को बढ़ा सकते हैं।
शॉर्ट टर्म FD बनाए रखें:
अभी भले एफडी पर ब्याज नहीं बढ़ रहा हो, लेकिन सरकार जैसे ही इसमें बढ़ोतरी करेगी तो सबसे पहले फायदा लेने की बारी शॉर्ट टर्म एफडी की होगी। अभी जो रेट है, वह सबसे निचले स्तर पर है और इससे नीचे कुछ नहीं हो सकता। अभी ब्याज दरें बढ़ेगी, न कि घटेंगी। ऐसे में सबसे पहले शॉर्ट टर्म और मीडियम टर्म FD को मौका मिलेगा. बाद में लॉन्ग टर्म एफडी का ब्याज बढ़ सकता है।
अभी भले एफडी पर ब्याज नहीं बढ़ रहा हो, लेकिन सरकार जैसे ही इसमें बढ़ोतरी करेगी तो सबसे पहले फायदा लेने की बारी शॉर्ट टर्म एफडी की होगी। अभी जो रेट है, वह सबसे निचले स्तर पर है और इससे नीचे कुछ नहीं हो सकता। अभी ब्याज दरें बढ़ेगी, न कि घटेंगी। ऐसे में सबसे पहले शॉर्ट टर्म और मीडियम टर्म FD को मौका मिलेगा. बाद में लॉन्ग टर्म एफडी का ब्याज बढ़ सकता है।
शॉर्ट टर्म में एफडी को रिन्यू कराएं:
अगर कोई FD मैच्योर हुई है और आप उसे रिन्यू कराना चाहते हैं तो शॉर्ट टर्म में कराएं, नई एफडी खोलनी हो या पुरानी को रिन्यू कराना हो तो उसे 1 साल या उससे कम अवधि में ही करें. इसका फायदा यह होगा कि आपकी जमा राशि लंबे दिनों के लिए लॉक नहीं होगी।
अगर कोई FD मैच्योर हुई है और आप उसे रिन्यू कराना चाहते हैं तो शॉर्ट टर्म में कराएं, नई एफडी खोलनी हो या पुरानी को रिन्यू कराना हो तो उसे 1 साल या उससे कम अवधि में ही करें. इसका फायदा यह होगा कि आपकी जमा राशि लंबे दिनों के लिए लॉक नहीं होगी।
अगर ब्याज दर बढ़े तो फायदा, अन्यथा ज्यादा दिनों तक पैसा नहीं फंसा रहेगा। अगर शॉर्ट या मीडियम टर्म की एफडी है तो उसे लॉन्ग टर्म में बढ़ाना आसान है जो कि बढ़ती ब्याज दर को देखते हुए कर सकते हैं, लेकिन एफडी लॉन्ग टर्म में फंस गई तो उसे शॉर्ट टर्म में नहीं ले सकते।
कम पैसे के कई एफडी लें:
एक एफडी में अधिक पैसा लगाने से अच्छा है कि कई एफडी लें, मान लें कि 5 लाख की एफडी लेनी है तो उसकी एक स्कीम न लेकर 1-1 लाख की 5 स्कीम ले लें, एफडी ऐसे कराएं कि हर साल एक एफडी मैच्योर हो और आपके हाथ में पूरी रकम आ जाए। इससे महंगाई के बोझ को कम किया जा सकता है।
एक एफडी में अधिक पैसा लगाने से अच्छा है कि कई एफडी लें, मान लें कि 5 लाख की एफडी लेनी है तो उसकी एक स्कीम न लेकर 1-1 लाख की 5 स्कीम ले लें, एफडी ऐसे कराएं कि हर साल एक एफडी मैच्योर हो और आपके हाथ में पूरी रकम आ जाए। इससे महंगाई के बोझ को कम किया जा सकता है।
एक ही एफडी में पूरा पैसा लगाने पर महंगाई को मात देना मुश्किल है। 5 लाख रुपये में 5 एफडी लें और उसे 1 साल, 2 साल, 3 साल, 4 साल और 5 साल के टर्म के लिए शुरू करें। एक साल पर पहली एफडी मैच्योर हो तो उसे अगले 5 साल के लिए रिन्यू कर दें, दूसरी, तीसरी, चौथी और पांचवीं एफडी भी जैसे-जैसे मैच्योर हो, उसे अगले 5 साल के लिए रिन्यू करते रहें, इससे जिंदगी में पैसे की कमी नहीं होगी।
फ्लोटिंग रेट स्कीम पर फोकस करें:
अगर आप कम ब्याज दर से परेशान हैं तो फ्लोटिंग रेट एफडी लें, इसका फायदा यह होगा कि जैसे की ब्याज दर बढ़ेगी, आपकी एफडी पर कमाई बढ़ जाएगी। आजकल कई बैंक और वित्तीय संस्थान फ्लोटिंग रेट पर एफडी दे रहे हैं. जैसे कि इंडियन ओवरसीज बैंक 3-10 साल के लिए फ्लोटिंग रेट एफडी देता है। इसमें हर दिन के औसत के हिसाब से रेट का फैसला होता है। 10 साल का जी-सेक देखें तो 24 सितंबर 2021 तक इस एफडी ने औसतन 6.21 फीसदी का रिटर्न दिया है, यह रेट अधिकांश बड़े बैंकों की एफडी से ज्यादा है।
अगर आप कम ब्याज दर से परेशान हैं तो फ्लोटिंग रेट एफडी लें, इसका फायदा यह होगा कि जैसे की ब्याज दर बढ़ेगी, आपकी एफडी पर कमाई बढ़ जाएगी। आजकल कई बैंक और वित्तीय संस्थान फ्लोटिंग रेट पर एफडी दे रहे हैं. जैसे कि इंडियन ओवरसीज बैंक 3-10 साल के लिए फ्लोटिंग रेट एफडी देता है। इसमें हर दिन के औसत के हिसाब से रेट का फैसला होता है। 10 साल का जी-सेक देखें तो 24 सितंबर 2021 तक इस एफडी ने औसतन 6.21 फीसदी का रिटर्न दिया है, यह रेट अधिकांश बड़े बैंकों की एफडी से ज्यादा है।