इस योजना में किसान अपने खेत के एक तिहाई हिस्से को सोलर पैनल लगाने के लिए किराए पर दे सकते हैं। इसके बदले निजी कंपनियां उन्हें एक लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से किराया देंगी। इसके लिए एक अनुबंध तैयार किया जाएगा। कांट्रैक्ट के 25 साल पूरे होने के बाद से कंपनी किसान को एक लाख की जगह 4 लाख रुपए प्रति एकड़ किराया अदा करेगी।
1.सोलर पैनल योजना के तहत निजी कंपनियां किसानों को 1 से 4 लाख रुपए तक किराया देंगी। 2.सोलर पैनल इंस्टाल कराने का पूरा खर्च निजी कंपनी उठाएगी। इसके लिए किसान को कोई खर्च नहीं करना होगा।
खेत को सोलर पैनल के लिए किराये पर देने के अलावा किसान बिजली बेचकर भी मुनाफा कमा सकते हैं। इसके लिए वे कुसुम योजना के तहत अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इससे आप खुद से सोलर पैनल लगवाकर उससे पैदा होने वाली बिजली, निजी एवं सरकारी कंपनी को बेच सकते हैं। इस योजना का लाभ सामान्य किसानों के अलावा ऐसे लोग भी ले सकते हैं जिनकी जमीन बंजर या खाली पड़ी हो। एक मेगावाट का सोलर प्लांट लगाने में छह एकड़ जमीन की जरूरत पड़ती है। इससे 13 लाख यूनिट बिजली बनाई जा सकती है।