किसानों के लिए डेयरी फार्मिंग (Dairy Farming) का काम शुरू करना एक अच्छा विकल्प है। इसमें सरकार की ओर से कई तरह की छूट भी दी जाती है। साथ ही गर्वनमेंट संस्था नाबार्ड की ओर से इस काम के लिए लोन पर सब्सिडी भी मुहैया कराई जाती है। चूंकि दूध और इससे जुड़े प्रोडक्ट्स की डिमांड हमेशा रहती है, इसलिए ये फायदे का सौदा हो सकती है।
मर्गी पालन के काम को भी किसान आजमा सकते हैं। ये छोटे और बड़े दोनों पैमाने में शुरू कर सकते हैं। इसके लिए सरकार अनुदान भी देती है। मुर्गी के मांस और अंडे की मांग में दिनों-दिन बढ़ोत्तरी की वजह से ये भी एक कमाई वाला बिजनेस है।
खेती के साथ मछली पालन के काम में भी अच्छा मुनाफा है। एक एकड़ तालाब में मछली पालन से सालाना 6-8 लाख रुपये की कमाई की जा सकती है। इसमें सरकार की ओर से चलाई जा रही अलग-अलग स्कीमों से आप इस पर सब्सिडी भी पा सकते हैं।
बकरी की तरह भेड़ पालन में भी अच्छी कमाई की जा कसती है। इसके मांस और दूध को बेचा जा सकता है इसके अलावा ऊन निकालने के लिए भी इन्हें पाला जाता है। इन सभी कामों के लिए कृषि वैज्ञानिक भेड़ की अलग-अलग नस्लें पालने की सलाह देते हैं।
बटेर पक्षी के मांस और अंडे की भी बाजार में काफी मांग रहती है। इसलिए ये बिजनेस भी एक बेहतर विकल्प है। एक मुर्गी को पालने में जितना खर्च आता है उसकी जगह 8 से 10 बटेर रखे जा सकते हैं। साथ ही मुर्गी के मुकाबले बटेर ज्यादा अंडे देगी। मादा बटेर 45 दिन की आयु से ही अण्डे देना शुरू कर देती है।
बकरी का दूध सर्दी-जुकाम और कफ समेत अन्य रोगों को ठीक करने में फायदेमद होता है। इससे इम्यूनिटी भी बूस्ट होती है। इसलिए बकरी के दूध की काफी डिमांड रहती है। ऐसे में किसान बकरी पालन को अपनी आजीविका का जरिया बना सकते हैं। इसके मांस की भी शहरों में काफी मांग रहती है।