ग्रोथ की आेर तेजी से अग्रसर है पीएनबी
इस साल की शुरुआत में पीएनबी में करीब 14 हजार करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया था जिसके मुख्य आरोप हीरा कारोबारी नीरव मोदी व मेहुल चोकसी पर अभी जांच चल रही है। इस घोटोल के बाद पीएनबी अपने ग्रोथ अैर फंसे कर्ज से उबरने के लिए प्रयसों में जुटा हुआ है। राहत की बात ये है कि बैंकिंग सेक्टर में पीएनबी में बेहतर क्रेडिट ग्रोथ देखने को मिला है। बैंक के रिकवरी रफ्तार को देखते हुए सरकार ने भी 5,431 करोड़ रुपए की पूंजी की मदद करने का फैसला लिया है। सुनिल मेहता ने एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा, “आप अच्छी तरह से जानते हैं कि वित्त सेवा सचिव ने हमें 5,431 करोड़ रुपए की पूंजी की मदद करने को कहा है। पीएनबी देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक है आैर हम ग्रोथ की आेर तेजी से अग्रसर हैं।” पब्लकि सेक्टर के किसी बैंक से विलय को लेकर पूछे गए सवाल पर मेहता ने कहा कि इस बात को लेकर हमारी कोर्इ प्लानिंग नहीं है।
होने वाला है इन तीन सरकारी बैंकाें का विलय
जब उनसे सवाल पूछा गया कि यदि विलय का कोर्इ प्रस्ताव बैंक के पास आता है तो बैंक का इसपर क्या रूख होगा। इस सवाल का जवाब देते हुए मेहता ने कहा कि यह कर्इ परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। फिलहाल हमारा ध्यान आंतरिक समेकन को लेकर है। गौरतलब है कि पिछले महीने ही सरकार ने बैंक आॅफ बड़ौदा, विजया बैंक व देना बैंक का विलय करने की बात कही है। इन तीनों बैंकों के विलय के बाद संपत्ति व शाखाआें के मामले में देश काे एक नया दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक मिल जाएगा। इसके बाद इन तीनो बैंकों ने विलय प्रस्ताव को मंजूरी दे दिया है।
देश को मिलेगा नया दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक
बैंक अाॅफ बड़ौदा, विजया बैंक व देना बैंक के विलय के बाद बनने वाले नए बैंक की कुल संपत्ति करीब 14.5 लाख करोड़ रुपए की हो जाएगी। इस विलय की घोषणा करते हुए वित्त सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा था कि इससे इसे नए बनने वाले बैंक के पास मजबूत वित्तीय स्थिति होगी। देना बैंक का कुल बुरे कर्ज का अनुपात 5.71 फीसदी होगा जो कि अन्य पब्लिक सेक्टर बैंक के आैसतन 12.13 फीसदी से काफी कम है।