तय राशि हर महीने निकाल सकते हैं
अगर आपने डेट या इक्विटी म्युचुअल फंड्स में निवेश किया है, तो आप एसडब्ल्यूपी के माध्यम से सिस्टमैटिक तरीके से पैसे निकाल सकते हैं। उदाहरण के लिए आपके पास एक एमएफ स्कीम में 1000 यूनिट्स हैं और इसकी वर्तमान एनएवी रु. 10 है। आपने 500 रुपए का एसडब्ल्यूपी आग्रह दिया है। इसलिए, वर्तमान महीने में आपका एसडब्ल्यूपी आग्रह पूरा करने के लिए 50 यूनिट बेच दिए जाएंगे।
अगर आपने डेट या इक्विटी म्युचुअल फंड्स में निवेश किया है, तो आप एसडब्ल्यूपी के माध्यम से सिस्टमैटिक तरीके से पैसे निकाल सकते हैं। उदाहरण के लिए आपके पास एक एमएफ स्कीम में 1000 यूनिट्स हैं और इसकी वर्तमान एनएवी रु. 10 है। आपने 500 रुपए का एसडब्ल्यूपी आग्रह दिया है। इसलिए, वर्तमान महीने में आपका एसडब्ल्यूपी आग्रह पूरा करने के लिए 50 यूनिट बेच दिए जाएंगे।
एक साल के लिए कोई टैक्स नहीं
पूंजीगत लाभ पर कोई टीडीएस ना होने के कारण म्युचुअल फंड्स में होने वाले सभी निवेश इस श्रेणी में आते हैं और इस तरह यह निवेशकों के लिए बेहद सुविधाजनक विकल्प बनता है। साथ ही, एक साल से अधिक अवधि वाले इक्विटी निवेश पर कोई टैक्स नहीं लगता और एक वर्ष के भीतर पैसे निकालने पर सिर्फ 15त्न शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लागू होता है। डेट फंड्स में 36 माह से कम समय पर ही टैक्स लगता है।
पूंजीगत लाभ पर कोई टीडीएस ना होने के कारण म्युचुअल फंड्स में होने वाले सभी निवेश इस श्रेणी में आते हैं और इस तरह यह निवेशकों के लिए बेहद सुविधाजनक विकल्प बनता है। साथ ही, एक साल से अधिक अवधि वाले इक्विटी निवेश पर कोई टैक्स नहीं लगता और एक वर्ष के भीतर पैसे निकालने पर सिर्फ 15त्न शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लागू होता है। डेट फंड्स में 36 माह से कम समय पर ही टैक्स लगता है।
ज्यादा बचत
ऐसा इसलिए क्योंकि एसडब्ल्यूपी में टैक्स भुगतान सिर्फ एनएवी की बिक्री से हुए लाभ पर किया जाता है, ना कि धन निकासी के मूल हिस्से पर। इस प्रकार यहां संपूर्ण टैक्स देयता कम हो जाती है। जबकि एक पारंपरिक निवेश विकल्प में निवेशक को होने वाले संपूर्ण लाभ पर निवेशक के टैक्स दायरे के अनुसार टैक्स लगाया जाता है (वर्तमान में अधिकतम 30)। एक एसडब्ल्यूपी से उन लोगों को स्थिर आमदनी स्रोत मिल सकता है जिनकी नियमित आय बंद हो जाती है।
ऐसा इसलिए क्योंकि एसडब्ल्यूपी में टैक्स भुगतान सिर्फ एनएवी की बिक्री से हुए लाभ पर किया जाता है, ना कि धन निकासी के मूल हिस्से पर। इस प्रकार यहां संपूर्ण टैक्स देयता कम हो जाती है। जबकि एक पारंपरिक निवेश विकल्प में निवेशक को होने वाले संपूर्ण लाभ पर निवेशक के टैक्स दायरे के अनुसार टैक्स लगाया जाता है (वर्तमान में अधिकतम 30)। एक एसडब्ल्यूपी से उन लोगों को स्थिर आमदनी स्रोत मिल सकता है जिनकी नियमित आय बंद हो जाती है।
आसानी से पूरे कर सकते हैं अपने लक्ष्य
म्युचुअल फंड्स को छोटे निवेशकों की जरूरतों, हितों और आर्थिक लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाता है। एसआईपी और एसडब्ल्यूपी जैसे साधनों का समझदारी से इस्तेमाल करने पर आप बिना किसी परेशानी के अपने आर्थिक लक्ष्य पूरे कर सकते हैं। इसके लिए आपको ना तो बाज़ार की मौजूदा स्थिति पर नजऱ रखने की ज़रूरत होगी और ना ही कोई गलत आर्थिक फैसले लेने पड़ेंगे।
म्युचुअल फंड्स को छोटे निवेशकों की जरूरतों, हितों और आर्थिक लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाता है। एसआईपी और एसडब्ल्यूपी जैसे साधनों का समझदारी से इस्तेमाल करने पर आप बिना किसी परेशानी के अपने आर्थिक लक्ष्य पूरे कर सकते हैं। इसके लिए आपको ना तो बाज़ार की मौजूदा स्थिति पर नजऱ रखने की ज़रूरत होगी और ना ही कोई गलत आर्थिक फैसले लेने पड़ेंगे।
कभी भी शुरू करें
आप किसी भी उम्र में एसडब्लयूपी शुरु कर सकते हैं और अपने वृद्ध माता-पिता, जीवनसाथी या बच्चों को एक स्थाई आमदनी प्रदान कर सकते हैं।
आप किसी भी उम्र में एसडब्लयूपी शुरु कर सकते हैं और अपने वृद्ध माता-पिता, जीवनसाथी या बच्चों को एक स्थाई आमदनी प्रदान कर सकते हैं।