ये है मामला
करीब आठ साल पहले एटा जिले के 46 गांव परिसीमन के दौरान फिरोजाबाद जिले में शामिल हुए थे। इन गांवों की स्थिति अत्यंत दयनीय थी। गांव में न तो पीने के लिए पानी था और न ही आने जाने के लिए पक्की सडकें। ग्रामीणों को पानी के लिए भी कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। क्षेत्र में खारा पानी होने के कारण ग्रामीणों के समय से पहले दांत खराब हो जाते हैं। लोगों की फसलें भी चौपट हो जाती हैं। पानी के अभाव में ग्रामीणों का जीना दूभर हो गया है।
करीब आठ साल पहले एटा जिले के 46 गांव परिसीमन के दौरान फिरोजाबाद जिले में शामिल हुए थे। इन गांवों की स्थिति अत्यंत दयनीय थी। गांव में न तो पीने के लिए पानी था और न ही आने जाने के लिए पक्की सडकें। ग्रामीणों को पानी के लिए भी कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। क्षेत्र में खारा पानी होने के कारण ग्रामीणों के समय से पहले दांत खराब हो जाते हैं। लोगों की फसलें भी चौपट हो जाती हैं। पानी के अभाव में ग्रामीणों का जीना दूभर हो गया है।
टंकियां लगवाई लेकिन नहीं मिला पानी
मीठे पानी की व्यवस्था कराने के लिए प्रशासन द्वारा कई बार प्रयास किए गए लेकिन सफलता नहीं मिली। टंकियां लगाई गई, लेकिन जमीन में पानी खारा होने के कारण कामयाबी नहीं मिल सकी। वर्तमान में ग्रामीण खारा पानी पीने को विवश हैं। जिला पंचायत सदस्य बृजेश उपाध्याय द्वारा गांव में सडकें तो बनवा दी गईं लेकिन पानी की समस्या का समाधान आज तक नहीं हो सका। करीब 10 किलोमीटर क्षेत्र के अंदर एक या दो स्थान ही ऐसे हैं, जहां मीठे पानी का श्रोत है। इसके लिए ग्रामीण दिन निकलते ही साइकिल लेकर या पैदल पानी लेने के लिए निकल पड़ते हैं।
मीठे पानी की व्यवस्था कराने के लिए प्रशासन द्वारा कई बार प्रयास किए गए लेकिन सफलता नहीं मिली। टंकियां लगाई गई, लेकिन जमीन में पानी खारा होने के कारण कामयाबी नहीं मिल सकी। वर्तमान में ग्रामीण खारा पानी पीने को विवश हैं। जिला पंचायत सदस्य बृजेश उपाध्याय द्वारा गांव में सडकें तो बनवा दी गईं लेकिन पानी की समस्या का समाधान आज तक नहीं हो सका। करीब 10 किलोमीटर क्षेत्र के अंदर एक या दो स्थान ही ऐसे हैं, जहां मीठे पानी का श्रोत है। इसके लिए ग्रामीण दिन निकलते ही साइकिल लेकर या पैदल पानी लेने के लिए निकल पड़ते हैं।
ये गांव हुए हैं शामिल
एटा जिले से फिरोजाबाद में ऐरई, गोथुआ, मिलिक, हिडोकरिया, नगला पार, शेखूपुर, शेखूपुर राजमल, शेखूपुर मंडनपुर, रजावली, राजमल समेत करीब 46 गांव हैं। इन गांवों में पानी की बुरी स्थिति है। इन ग्रामीणों को गंगाजल प्रोजेक्ट से काफी आस है। उन्हें लगता है कि गंगाजल प्रोजेक्ट के तहत चल रहा कार्य पूरा हो जाए तो उन्हें भी पानी मिल सकेगा। इसके लिए विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया जा चुका है।
एटा जिले से फिरोजाबाद में ऐरई, गोथुआ, मिलिक, हिडोकरिया, नगला पार, शेखूपुर, शेखूपुर राजमल, शेखूपुर मंडनपुर, रजावली, राजमल समेत करीब 46 गांव हैं। इन गांवों में पानी की बुरी स्थिति है। इन ग्रामीणों को गंगाजल प्रोजेक्ट से काफी आस है। उन्हें लगता है कि गंगाजल प्रोजेक्ट के तहत चल रहा कार्य पूरा हो जाए तो उन्हें भी पानी मिल सकेगा। इसके लिए विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया जा चुका है।