सपा ने किया सफाई कार्य शुरू, एक ही झटके में कतरे पर
समाजवादी पार्टी ने हार मिलने के बाद अब सफाई कार्य शुरू कर दिया है।पार्टी नेतृत्व ने निर्देश दिए थे कि चुनाव में बगावत कर पार्टी को नुकसान पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। स्थानीय निकाय चुनाव में पार्टी से बगावत कर ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का साथ देने वाले पूर्व विधायक अजीम भाई को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखाया। फिरोजाबाद में जिलाध्यक्ष की कमान सुमन देवी सविता, पत्नी रघुवीर सविता को सौंपी। वहीं फिरोजाबाद में महासचिव के पद पर गांव नगला फरीदा जसराना के शिव प्रताप सिंह यादव पुत्र स्व.बलवीर सिंह यादव को नियुक्त किया गया। इस बार पार्टी ने महानगर अध्यक्ष के पद भी बदलाव किया और शमशाद अहमद उर्फ बाबा को महानगर अध्यक्ष बनाया।
समाजवादी पार्टी ने हार मिलने के बाद अब सफाई कार्य शुरू कर दिया है।पार्टी नेतृत्व ने निर्देश दिए थे कि चुनाव में बगावत कर पार्टी को नुकसान पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। स्थानीय निकाय चुनाव में पार्टी से बगावत कर ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का साथ देने वाले पूर्व विधायक अजीम भाई को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखाया। फिरोजाबाद में जिलाध्यक्ष की कमान सुमन देवी सविता, पत्नी रघुवीर सविता को सौंपी। वहीं फिरोजाबाद में महासचिव के पद पर गांव नगला फरीदा जसराना के शिव प्रताप सिंह यादव पुत्र स्व.बलवीर सिंह यादव को नियुक्त किया गया। इस बार पार्टी ने महानगर अध्यक्ष के पद भी बदलाव किया और शमशाद अहमद उर्फ बाबा को महानगर अध्यक्ष बनाया।
शिवप्रताप यादव को मिला मेहनत का फल
समाजवादी पार्टी में लाल टोपी लगाकर संघर्ष करने वाले शिवप्रताप यादव को अखिलेश यादव ने उनकी मेहनत का फल दिया है। विधानसभा चुनाव में पार्टी की अंदरूनी रार के चलते यहां चार बार के विधायक रहे रामवीर सिंह यादव की टिकट काटी गई थी। रामवीर सिंह यादव ने सपा को हराने के लिए रालोद का दामन थाम लिया। शिवप्रताप सिंह हालांकि इस चुनाव में हार गए थे। लेकिन, पार्टी में उनका कद और बढ़ाया महासचिव का दर्जा देकर। अब आने वाले समय में कितने और बागियों के लिए सपा का सफाई जारी रहेगा, ये भी जल्द पता चल जाएगा। लेकिन, पार्टी आलाकमान के इस कदम से बागियों में खलबली मची हुई है।
समाजवादी पार्टी में लाल टोपी लगाकर संघर्ष करने वाले शिवप्रताप यादव को अखिलेश यादव ने उनकी मेहनत का फल दिया है। विधानसभा चुनाव में पार्टी की अंदरूनी रार के चलते यहां चार बार के विधायक रहे रामवीर सिंह यादव की टिकट काटी गई थी। रामवीर सिंह यादव ने सपा को हराने के लिए रालोद का दामन थाम लिया। शिवप्रताप सिंह हालांकि इस चुनाव में हार गए थे। लेकिन, पार्टी में उनका कद और बढ़ाया महासचिव का दर्जा देकर। अब आने वाले समय में कितने और बागियों के लिए सपा का सफाई जारी रहेगा, ये भी जल्द पता चल जाएगा। लेकिन, पार्टी आलाकमान के इस कदम से बागियों में खलबली मची हुई है।