ये गले मिले जैन मुनि
अक्षय तृतीया के मौके जैन संत विहर्ष सागर महाराज और सुरत्न सागर महाराज ने शहर में मंगल प्रवेश किया। इस दौरान दोनों जैन मुनियों का मिलन हुआ। इस मौके पर 251 महिला औऱ पुरुषों ने गन्ने के रस का आहार दान दिया। आस्था और धर्म की नगरी के नाम से पहचान बनाए रखने वाली सुहाग नगरी आज अक्षय तृतीया का पर्व बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके आज जैन संत विहर्ष सागर महाराज ने मंगल प्रवेश किया इस दौरान जैन संत विहर्ष सागर और सुरत्न सागर महाराज का मिलन हुआ।
अक्षय तृतीया के मौके जैन संत विहर्ष सागर महाराज और सुरत्न सागर महाराज ने शहर में मंगल प्रवेश किया। इस दौरान दोनों जैन मुनियों का मिलन हुआ। इस मौके पर 251 महिला औऱ पुरुषों ने गन्ने के रस का आहार दान दिया। आस्था और धर्म की नगरी के नाम से पहचान बनाए रखने वाली सुहाग नगरी आज अक्षय तृतीया का पर्व बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके आज जैन संत विहर्ष सागर महाराज ने मंगल प्रवेश किया इस दौरान जैन संत विहर्ष सागर और सुरत्न सागर महाराज का मिलन हुआ।
दृश्य देखने को उमड़ी भीड़
जैन संतों के मिलन के दृश्य को देखने के लिये जिन भक्तो का सैलाब देखने को मिला। मुनि श्री के मिलन के बाद जैन संतो को 251 महिलाओ पुरुषों ने गहन के रास का आहार दान दिया। जैन मुनियों ने बताया कि अक्षय तृतीया ऐसा पर्व है कि इसी दिन जैन धर्म के तीर्थकर भगवान आदिनाथ ने कई सालों बाद आहार ग्रहण किया था। आहार में गन्ने का रस ग्रहण किया था और तभी से अक्षय तृतीया के पर्व पर आहार दान का बड़ा महत्व माना जाता है।
जैन संतों के मिलन के दृश्य को देखने के लिये जिन भक्तो का सैलाब देखने को मिला। मुनि श्री के मिलन के बाद जैन संतो को 251 महिलाओ पुरुषों ने गहन के रास का आहार दान दिया। जैन मुनियों ने बताया कि अक्षय तृतीया ऐसा पर्व है कि इसी दिन जैन धर्म के तीर्थकर भगवान आदिनाथ ने कई सालों बाद आहार ग्रहण किया था। आहार में गन्ने का रस ग्रहण किया था और तभी से अक्षय तृतीया के पर्व पर आहार दान का बड़ा महत्व माना जाता है।