अब तक छह की मौत
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हिंसा भड़कने के बाद 20 दिसंबर को फायरिंग हुई थी। जिसमें एक की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि दो की बाद में अस्पताल में मौत हुई थी। अब तीन की और मौत हो गई। संदिग्ध गोलियों के जख्म के साथ दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती कराए गए राज्य के तीन लोगों की मौत इलाज के दौरान हो गई। फिरोजाबाद के अस्पताल से करीब 40 साल के मोहम्मद शफीक और 20 साल के मुकीम को क्रमश: 24 दिसंबर और 22 दिसंबर को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तीस साल के मोहम्मद हारून को बुधवार को एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था।
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हिंसा भड़कने के बाद 20 दिसंबर को फायरिंग हुई थी। जिसमें एक की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि दो की बाद में अस्पताल में मौत हुई थी। अब तीन की और मौत हो गई। संदिग्ध गोलियों के जख्म के साथ दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती कराए गए राज्य के तीन लोगों की मौत इलाज के दौरान हो गई। फिरोजाबाद के अस्पताल से करीब 40 साल के मोहम्मद शफीक और 20 साल के मुकीम को क्रमश: 24 दिसंबर और 22 दिसंबर को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तीस साल के मोहम्मद हारून को बुधवार को एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था।
गर्दन पर लगी थी गोली
एम्स के ट्रॉमा सेंटर के एक डॉक्टर ने बताया, हारून को गर्दन पर गोली लगी थी और उसे फिरोजाबाद के एक अस्पताल से यहां लाया गया था। बृहस्पतिवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। शफीक और मुकीम की भी गोली लगने से मौत हो गई। पुलिस ने शवों को सुपुर्द ए खाक करा दिया। यह शुक्रवार भले ही अमन और चैन के साथ निकल गया हो लेकिन वर्ष 2019 जाते—जाते कलंकित हो गई।
एम्स के ट्रॉमा सेंटर के एक डॉक्टर ने बताया, हारून को गर्दन पर गोली लगी थी और उसे फिरोजाबाद के एक अस्पताल से यहां लाया गया था। बृहस्पतिवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। शफीक और मुकीम की भी गोली लगने से मौत हो गई। पुलिस ने शवों को सुपुर्द ए खाक करा दिया। यह शुक्रवार भले ही अमन और चैन के साथ निकल गया हो लेकिन वर्ष 2019 जाते—जाते कलंकित हो गई।