ये था पूरा मामला
कैबिनेट मंत्री प्रो.एसपी सिंह बघेल भाजपा में शामिल होने के बाद ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए थे। विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और धनगर के प्रमाण पत्र पर टूंडला विधानसभा से चुनाव लड़े थे। भाजपा की टिकट पर प्रो. बघेल भारी बहुमत से विजयी हुए और उन्हें प्रदेश सरकार में पशु धन, लघु सिंचाई व मत्स्य विभाग का मंत्री बना दिया गया।
कैबिनेट मंत्री प्रो.एसपी सिंह बघेल भाजपा में शामिल होने के बाद ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए थे। विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और धनगर के प्रमाण पत्र पर टूंडला विधानसभा से चुनाव लड़े थे। भाजपा की टिकट पर प्रो. बघेल भारी बहुमत से विजयी हुए और उन्हें प्रदेश सरकार में पशु धन, लघु सिंचाई व मत्स्य विभाग का मंत्री बना दिया गया।
पूर्व विधायक ने दायर की याचिका
बसपा के पूर्व विधायक राकेश बाबू एडवोकेट ने धनगर प्रमाण पत्र को लेकर कोर्ट में वाद दायर कर दिया। उसी वाद को लेकर कोर्ट में मामले की सुनवाई की जा रही है। कोर्ट में अभी तक हुई सुनवाई में कैबिनेट मंत्री की ओर से कोई भी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ। हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने 17 अप्रैल को उपस्थित न होने पर एक पक्षीय फैसला सुनाने के निर्देश दिए थे। मंगलवार को कैबिनेट मंत्री के अधिवक्ता सुशील कुमार श्रीवास्तव ने कोर्ट से माफी मांगी और दो दिन की मोहलत मांगते हुए अपना जवाब दाखिल करने की बात कही।
बसपा के पूर्व विधायक राकेश बाबू एडवोकेट ने धनगर प्रमाण पत्र को लेकर कोर्ट में वाद दायर कर दिया। उसी वाद को लेकर कोर्ट में मामले की सुनवाई की जा रही है। कोर्ट में अभी तक हुई सुनवाई में कैबिनेट मंत्री की ओर से कोई भी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ। हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने 17 अप्रैल को उपस्थित न होने पर एक पक्षीय फैसला सुनाने के निर्देश दिए थे। मंगलवार को कैबिनेट मंत्री के अधिवक्ता सुशील कुमार श्रीवास्तव ने कोर्ट से माफी मांगी और दो दिन की मोहलत मांगते हुए अपना जवाब दाखिल करने की बात कही।
अब 23 को होगी सुनवाई
कोर्ट में अधिवक्ता ने मंत्री की ओर से उपस्थित न होने का कारण पिता की तबियत खराब होना बताया। अधिवक्ता की मांग पर कोर्ट ने उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए 23 अप्रैल तिथि दी है। जवाब दाखिल न होने पर कैबिनेट मंत्री का धनगर प्रमाण पत्र निरस्त हो सकता है। इस मामले में पिटीशन दाखिल करने वाले प्रेमपाल का कहना है कि हमारे अधिवक्ता सभी तारीखों में उपस्थित हो रहे हैं।
कोर्ट में अधिवक्ता ने मंत्री की ओर से उपस्थित न होने का कारण पिता की तबियत खराब होना बताया। अधिवक्ता की मांग पर कोर्ट ने उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए 23 अप्रैल तिथि दी है। जवाब दाखिल न होने पर कैबिनेट मंत्री का धनगर प्रमाण पत्र निरस्त हो सकता है। इस मामले में पिटीशन दाखिल करने वाले प्रेमपाल का कहना है कि हमारे अधिवक्ता सभी तारीखों में उपस्थित हो रहे हैं।