सेंट जॉन्स स्कूल की है छात्रा
अलीनगर कैंजरा निवासी सात वर्षीय तृषिका पुत्री संजीव फिरोजाबाद के सेंट जॉन्स स्कूल में पढ़ती थी। वह कक्षा दो की छात्रा थी। स्कूल की छुट्टी होने पर उसके चाचा अजय उसे लेने के लिए स्कूल पहुंचे। वह बाइक से छात्रा को बिठाकर घर आ रहे थे। मीरा चौराहे के समीप तेज गति से आ रहे कैंटर ने बाइक में टक्कर मार दी। हादसे में छात्रा की मौके पर ही मौत हो गई। चाचा अजय घायल हो गए। हादसे के बाद वहां काफी लोग एकत्र हो गए। लोगों ने उनको मेडिकल कॉलेज भिजवाया। चिकित्सक ने बालिका को मृत घोषित कर दिया। तब तक हादसे का पता चलते ही उसके परिवारीजन भी वहां पहुंच गए। बालिका की मौत का पता चलते ही परिवारीजन में कोहराम मच गया।
अलीनगर कैंजरा निवासी सात वर्षीय तृषिका पुत्री संजीव फिरोजाबाद के सेंट जॉन्स स्कूल में पढ़ती थी। वह कक्षा दो की छात्रा थी। स्कूल की छुट्टी होने पर उसके चाचा अजय उसे लेने के लिए स्कूल पहुंचे। वह बाइक से छात्रा को बिठाकर घर आ रहे थे। मीरा चौराहे के समीप तेज गति से आ रहे कैंटर ने बाइक में टक्कर मार दी। हादसे में छात्रा की मौके पर ही मौत हो गई। चाचा अजय घायल हो गए। हादसे के बाद वहां काफी लोग एकत्र हो गए। लोगों ने उनको मेडिकल कॉलेज भिजवाया। चिकित्सक ने बालिका को मृत घोषित कर दिया। तब तक हादसे का पता चलते ही उसके परिवारीजन भी वहां पहुंच गए। बालिका की मौत का पता चलते ही परिवारीजन में कोहराम मच गया।
परिवार की थी लाडली
तृषिका की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। परिवार के लोग उसको काफी प्यार करते थे। उसकी मां रोते रोते अचेत हो गई। वह परिवार में अकेली थी। उसका एक छोटा भाई है। उसका पिता बीएसएफ में है। इन दिनों वह छुट्टी पर घर आया है। बेटी की मौत के बाद उसके मुंह से बोल नहीं निकल रहे थे। जैसे ही हादसे की सूचना स्कूली छात्रों को मिली तो वे सहम गए। इसी मीरा चौराहे से होकर ही स्कूल से बच्चे निकल रहे थे। उनके अभिभावक भी परेशान दिखे। उनकी समझ में नहीं आ रहा था कि इस तरह पुलिस पिकेट होने के बाद भी वाहन चालक अनियंत्रित होकर क्यों चलते हैं।
तृषिका की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। परिवार के लोग उसको काफी प्यार करते थे। उसकी मां रोते रोते अचेत हो गई। वह परिवार में अकेली थी। उसका एक छोटा भाई है। उसका पिता बीएसएफ में है। इन दिनों वह छुट्टी पर घर आया है। बेटी की मौत के बाद उसके मुंह से बोल नहीं निकल रहे थे। जैसे ही हादसे की सूचना स्कूली छात्रों को मिली तो वे सहम गए। इसी मीरा चौराहे से होकर ही स्कूल से बच्चे निकल रहे थे। उनके अभिभावक भी परेशान दिखे। उनकी समझ में नहीं आ रहा था कि इस तरह पुलिस पिकेट होने के बाद भी वाहन चालक अनियंत्रित होकर क्यों चलते हैं।