scriptसिपाही ने पेश की मिसाल, शहीद के परिजनों को एक दिन का वेतन देने के लिए SSP को लिखा पत्र | Commendable Step of UP Police Constable Santosh Yadav | Patrika News

सिपाही ने पेश की मिसाल, शहीद के परिजनों को एक दिन का वेतन देने के लिए SSP को लिखा पत्र

locationफिरोजाबादPublished: Jan 15, 2018 03:23:19 pm

सीओ सिटी कार्यालय में तैनात सिपाही ने कैराना में शहीद के परिजनों को एक दिन का वेतन देने को लिख पत्र।

Ankit Tomar
फिरोजाबाद। बीती तीन जनवरी को शामली जिले के जनधेदी गांव के पास बदमाशों से हुई मुठभेड़ में घायल यूपी पुलिस के कॉन्स्टेबल अंकित तोमर का इलाज के दौरान निधन हो गया था। अंकित तोमर की शहादत पर पुलिस महकमे से लेकर राजनैतिक दलों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। अब शहीद जवान के परिजनों की मदद के लिए पुलिस का एक जवान आगे आया है ।जवान ने दरियादिली दिखाते हुए शहीद के परिजनों को एक दिन का वेतन देने के लिए एसएसपी को पत्र लिखा है। सिपाही की दरियादिली का जिले भर की जनता ने धन्यवाद किया है।
मुठभेड में हो गया था शहीद

कैराना में हुई बदमाशों से मुठभेड़ में सुहाग नगरी का कांस्टेबल अंकित तोमर शहीद हो गया था। उसके बाद परिजनों को ढांढस बंधाने के लिए तमाम नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों का जमावाड़ा लगा लेकिन कुछ समय बाद सब उसकी शहादत को भुला बैठे। मकर संक्रांति पर जहां लोग पुण्य कमाने के लिए कोई खिंचड़ी बंटवा रहा था तो कोई कंबल और गरम वस्त्र बंटवा रहा था। वहीं सीओ सिटी ऑफिस में तैनात पुलिसकर्मी संतोष यादव ने पुण्य कमाने के लिए शहीद के परिजनों की मदद को हाथ आगे बढ़ाया।
सेलरी में से एक दिन का वेतन देने की मांग

पुलिस के जवान ने दरियादिली दिखाते हुए एक दिन का वेतन देने के लिए एसएसपी को पत्र लिखा है। सिपाही ने अपनी सेलरी में से एक दिन का वेतन शहीद के परिजनों को देने की मांग की। साथ ही सिपाही ने अन्य सामाजिक संगठनों और समाजसेवियों से भी आगे बढ़कर शहीद के परिजनों की मदद करने की अपील की। सिपाही का कहना है कि देश की रक्षा के लिए शहीद होने वालों पर सभी देश वासियों को गर्व महसूस करना चाहिए। उन्हीं की वजह से आज पूरा देश अपने आप को सुरक्षित महसूस करता है। हमारे देश के जवान सरहद पर देश द्रोहियों से मोर्चा लेकर अपनी जान की बाजी लगाने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं तो वहीं पुलिस के जवान कानून व्यवस्था को बनाए रखने, शांति के लिए अपनी जान लगा देते हैं। ऐसे में शहीदों के माता-पिता के सम्मान के लिए प्रत्येक सक्षम व्यक्ति को आगे आना चाहिए। तभी हर मां बाप अपने बेटे को सेना या पुलिस में भेजने के लिए तैयार होंगे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो