2001 का है मामला
वर्ष 2001 में फ़िरोज़ाबाद शहर के सुभाष चौराहे पर बलवे में अजीम भाई पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने बसों में आग लगाई है। उस समय अजीम भाई समाजवादी पार्टी के नेता थे, यह मुकदमा 19 साल तक चला और आखिर आज एडीजे कोर्ट 8 में विशेष न्यायाधीश केशव गोयल ने 10 वर्ष की सजा सुना दी और 10 हजार का जुर्माना भी लगाया है। अजीम भाई सजा सुनाते समय कोर्ट में उपस्थित थे। सजा सुनाते ही पुलिस ने उन्हें अपनी कस्टडी में ले लिया और पुलिस उन्हें जेल ले गई।
वर्ष 2001 में फ़िरोज़ाबाद शहर के सुभाष चौराहे पर बलवे में अजीम भाई पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने बसों में आग लगाई है। उस समय अजीम भाई समाजवादी पार्टी के नेता थे, यह मुकदमा 19 साल तक चला और आखिर आज एडीजे कोर्ट 8 में विशेष न्यायाधीश केशव गोयल ने 10 वर्ष की सजा सुना दी और 10 हजार का जुर्माना भी लगाया है। अजीम भाई सजा सुनाते समय कोर्ट में उपस्थित थे। सजा सुनाते ही पुलिस ने उन्हें अपनी कस्टडी में ले लिया और पुलिस उन्हें जेल ले गई।
तीन किए थे नामजद
2001 में बलवे के मामले में तीन लोग नामजद किए गए थे। जिसमें अजीम भाई, संजय यादव और मंशाराम यादव थे लेकिन कोर्ट ने संजय और मंशाराम को पहले ही जमानत दे दी थी लेकिन अजीम भाई को बरी नहीं किया था। अब जाकर कोर्ट ने उस पुराने मामले में सजा सुनाई। सजा सुनाए जाने के बाद सिरसागंज विधायक हरीओम यादव उनसे मिलने कोर्ट पहुंचे। जहां उनसे मिलकर वह भावुक हो गए। अजीम भाई ने जेल जाने से पहले कहा कि वह कोर्ट का सम्मान करते हैं। उन्होंने फूलन देवी हत्या को लेकर विरोध किया था।
2001 में बलवे के मामले में तीन लोग नामजद किए गए थे। जिसमें अजीम भाई, संजय यादव और मंशाराम यादव थे लेकिन कोर्ट ने संजय और मंशाराम को पहले ही जमानत दे दी थी लेकिन अजीम भाई को बरी नहीं किया था। अब जाकर कोर्ट ने उस पुराने मामले में सजा सुनाई। सजा सुनाए जाने के बाद सिरसागंज विधायक हरीओम यादव उनसे मिलने कोर्ट पहुंचे। जहां उनसे मिलकर वह भावुक हो गए। अजीम भाई ने जेल जाने से पहले कहा कि वह कोर्ट का सम्मान करते हैं। उन्होंने फूलन देवी हत्या को लेकर विरोध किया था।