scriptवैक्सीन लगवाए बिना प्रमाण पत्र बनाने वाला जनसेवा केंद्र संचालित गिरफ्तार, उसके साथी की पुलिस को तलाश | csc operator arrest making fake corona vacine certificate in Firozabad | Patrika News

वैक्सीन लगवाए बिना प्रमाण पत्र बनाने वाला जनसेवा केंद्र संचालित गिरफ्तार, उसके साथी की पुलिस को तलाश

locationफिरोजाबादPublished: Nov 19, 2021 01:12:09 pm

Submitted by:

arun rawat

— यूपी के फिरोजाबाद में पकड़ा गया जनसेवा केंद्र संचालक, टीकाकरण में कार्यरत एएनएम का पासवर्ड किया था चोरी।

CSC Sanchalak

आरोपी मुविन

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
फिरोजाबाद। यूपी के फिरोजाबाद में बिना कोरोना वैक्सीन लगवाए ही प्रमाण पत्र बनाने वाला जनसेवा केंद्र संचालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसके यहां से पुलिस ने लेपटॉप भी बरामद किया है। उससे अब तक बनाए गए प्रमाण पत्रों की जानकारी की जा रही है। इस कार्य में उसका एक साथी जो स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत है, वह सहयोग कर रहा था।
यह भी पढ़ें—

आगरा की तीन मंजिला जूता फैक्ट्री में लगी भीषण आग, घनी आबादी के बीच चल रही थी फैक्ट्री

यह था मामला
थाना रामगढ़ पुलिस ने साइबर सेल की मदद से मुबीन पुत्र कमरुद्दीन को गिरफ्तार किया है। वह दीदामई का रहने वाला है। पुलिस ने उसके पास से एक लैपटॉप तथा 43 प्रमाण पत्र बरामद किए हैं। मुबीन पुत्र कमरुउद्दीन निवासी दीदामई थाना रामगढ़ जनसेवा केंद्र संचालित करता है। मुबीन के साथ अरुण पुत्र ध्रुव सिंह निवासी नगला मिर्जा भी जनसेवा केंद्र पर काम करता है। उसका साथी अरुण सीएमओ कार्यालय में संविदा की नौकरी करता है। पिता भी स्वास्थ्य विभाग में वाहन चलाते हैं। थानाध्यक्ष रामगढ़ हरवेंद्र मिश्र ने बताया कि अरुण ने कोविड टीकाकरण में लगी एएनएम की आईडी पासवर्ड चोरी करके मुबीन को दे दिया। जिससे मुबीन कोविन पोर्ट्ल पर फर्जीवाडा कर बिना टीकाकरण कराए कोविड-19 का प्रमाण पत्र बनाकर लोगों को देने लगा।
यह भी पढ़ें—

प्रेमी की बारात में जहर लेकर पहुंच गई प्रेमिका, दुल्हन के मामा की सदमे से मौत
300 से 500 में देता था प्रमाण पत्र
इसके लिए वो 300 से 500 रुपये तक लेता है। स्वास्थ्य विभाग को गड़बड़झाले का पता चला तो हड़कंप मच गया। डा. नागेंद्र माहेश्वरी ने थाने में घटना की तहरीर दी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने कार्रवाई कर मुबीन को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अरुण की तलाश कर रही है। पुलिस ने बताया कि वह पोर्टल पर प्रमाण पत्र बनाने वाले का नाम भी चढ़ा देता था। जिससे फर्जीवाड़े का पता ना चल सके। इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग और पुलिस अन्य ऐसे जनसेवा केंद्र संचालक जो इस तरह के कृत्य में लिप्त हैं। उनकी तलाश में जुटे हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो