दो दिन पहले की है घटना
घटना बुधवार रात्रि की है। थाना क्षेत्र के गांव बसई निवासी 23 वर्षीय पूनम पत्नी दीपक कुमार घर में सो रही थी। तभी दो बजे करीब सांप ने उसे डंस लिया। महिला ने शोर मचा दिया। शोर सुनकर परिवारीजन जाग गए। वह उसे अस्पताल ले गए जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। संतुष्टि के लिए परिवारीजनों ने बायगीरों को बुला लिया। 24 घंटे से बायगीर थाली बजा रहे हैं लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल रहा है।
घटना बुधवार रात्रि की है। थाना क्षेत्र के गांव बसई निवासी 23 वर्षीय पूनम पत्नी दीपक कुमार घर में सो रही थी। तभी दो बजे करीब सांप ने उसे डंस लिया। महिला ने शोर मचा दिया। शोर सुनकर परिवारीजन जाग गए। वह उसे अस्पताल ले गए जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। संतुष्टि के लिए परिवारीजनों ने बायगीरों को बुला लिया। 24 घंटे से बायगीर थाली बजा रहे हैं लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल रहा है।
नीम के पत्तों से ढांककर रखा
बायगीरों ने शव को नीम के पत्तों से ढंककर रख दिया है। अब शव को जमीन में समाधि देने की तैयारी की जा रही है। बायगीरों का कहना है कि नीम के पत्तों से ढंककर महिला को समाधि देने से ठीक हो जाएगी। अंधविश्वास को लेकर काफी संख्या में गांव के लोगों की भीड़ मौके पर एकत्रि हो गई है। कई लोगों ने शव का अंतिम संस्कार कराए जाने की भी बात कही लेकिन परिवारीजन अभी भी महिला के जीवित होने की आस में बैठे हुए हैं।
बायगीरों ने शव को नीम के पत्तों से ढंककर रख दिया है। अब शव को जमीन में समाधि देने की तैयारी की जा रही है। बायगीरों का कहना है कि नीम के पत्तों से ढंककर महिला को समाधि देने से ठीक हो जाएगी। अंधविश्वास को लेकर काफी संख्या में गांव के लोगों की भीड़ मौके पर एकत्रि हो गई है। कई लोगों ने शव का अंतिम संस्कार कराए जाने की भी बात कही लेकिन परिवारीजन अभी भी महिला के जीवित होने की आस में बैठे हुए हैं।
यह भी पढ़ें— घेवर बना रहा हलवाई दुकानदार की लापरवाही से जिंदा जल गया, देखें वीडियो
मौहम्मदपुर में भी हुई थी मौत
कुछ दिनों पूर्व बसई मौहम्मदपुुर में युवक को सांप ने डंस लिया था। बायगीरों ने तीन दिन तक शव को जमीन में नीम के पत्तों के बीच रखा लेकिन जीवित नहीं हो सका। बायगीर अंधविश्वास को बढ़ावा देकर तीन दिन तक थाली बजाते रहे थे। यहां भी ऐसा ही किया जा रहा है।
मौहम्मदपुर में भी हुई थी मौत
कुछ दिनों पूर्व बसई मौहम्मदपुुर में युवक को सांप ने डंस लिया था। बायगीरों ने तीन दिन तक शव को जमीन में नीम के पत्तों के बीच रखा लेकिन जीवित नहीं हो सका। बायगीर अंधविश्वास को बढ़ावा देकर तीन दिन तक थाली बजाते रहे थे। यहां भी ऐसा ही किया जा रहा है।