फिरोजाबाद

डेंगू का कहर: बीमार बच्चों को देख निकले रहे आंसू, अस्पताल में नहीं मिल रही जगह

— फिरोजाबाद के मेडिकल कॉलेज में नहीं किया जा रहा बच्चों को भर्ती, परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप।

फिरोजाबादSep 12, 2021 / 03:41 pm

arun rawat

बीमार बच्चे को लेकर जाता पिता

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
फिरोजाबाद। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में डेंगू का कहर तेजी से बढ़ा है। बच्चों की हालत देखकर माता—पिता के चेहरों की रौनक गायब हो गई है तो वहीं बीमार बच्चों को अस्पताल में जगह न मिलने से परिजन और परेशान हैं। परिजनों का आरोप है कि बच्चों को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा है।
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अगस्त से शुरू हुआ डेंगू
अगस्त माह से फिरोजाबाद में शुरू हुआ डेंगू का कहर अब तेजी से बढ़ने लगा है। शहर ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी तमाम बच्चे इस बीमारी की चपेट में हैं। शहर के न्यू रामगढ़, हाथवंत, गढ़ी जरारी, रहना, पोपगढ़ के अलावा अन्य क्षेत्रों में बुखार से 14 बच्चों की मौत हो चुकी है। बीमारी से मरने वालों की संख्या 128 पर पहुंच गई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग इनकी पुष्टि नहीं करता है। स्वास्थ्य विभाग मरने वालों के आंकड़ों में भी खेल कर रहा है।
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36 घंटों में इनकी हुई मौत
शहर के पीपल नगर निवासी 6 वर्षीय रवि पुत्र श्रीकृष्ण ओझा की दिल्ली में मौत हो गई। पुरानी आबादी रहना निवासी 25 वर्षीय रितु शुक्ला ) पत्नी प्रशांत शुक्ला की निजी अस्पताल में मौत हुई है। हाथवंत के गांव पोपगढ़ निवासी 2 वर्षीय रोहित पुत्र दिनेश कुमार की मौत हो गई। झलकारी नगर गली नंबर तीन के रहने वाले 14 वर्षीय शिवम पुत्र संजय शंखवार की आगरा में मौत हो गई। प्रकाश टॉकीज के समीप निवासी 6 माह के माधव पुत्र त्रिलोकीनाथ, 11 वर्षीय जैन नगर खेड़ा निवासी नंदनी गुप्ता पुत्री सुमित गुप्ता, 12 वर्षीय यशोदा पुत्री अनिल सविता की मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई। न्यू रामगढ़ निवासी 6 वर्षीय मानव पुत्र रूपकिशोर, 13 वर्षीय श्रीराम कॉलोनी निवासी रिषी पुत्र वीनेश कुमार, 52 वर्षीय गली बोहरान निवासी सुनीता पुत्री अजय कुमार, 12 वर्षीय मथुरा नगर निवासी नंदनी यादव पुत्र सुनील यादव, 56 वर्षीय गढ़ी सिधारी निवासी मुन्नी देवी पत्नी अनेक सिंह, 5 वर्षीय भीमनगर गली नंबर तीन निवासी संस्कार पुत्र वीरपाल की बीमारी से मौत हो गई। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज में करीब 450 बच्चे भर्ती हैं तो वहीं निजी अस्पतालों पर बीमार बच्चों की लाइन लगी हुई है। मेडिकल कॉलेज की प्राचार्या डॉ. संगीता अनेजा का कहना है कि अस्पताल में भर्ती बच्चे शीघ्रता से ठीक हो रहे हैं।
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नहीं भर्ती हो रहे मरीज
रविवार को बीमार बच्चों को मेडिकल कॉलेज पहुंचे माता—पिता को वापस कर दिया गया। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों द्वारा उनके बच्चों को भर्ती नहीं किया जा रहा है जबकि उनकी तबियत बहुत खराब है। वह शनिवार रात्रि से अस्पताल के बाहर पड़े हैं लेकिन वहां कोई सुनने वाला नहीं है। जान बूझकर उन्हें ओपीडी में चेक कराने के लिए भेजा जा रहा है। इस मामले में मेडिकल कॉलेज की प्राचार्या डॉ. संगीता अनेजा का कहना है कि गंभीर बीमार बच्चों को भर्ती किया जा रहा है जबकि हल्के बुखार वाले बच्चों को ओपीडी में जाकर चेक करने के लिए भेजा जा रहा है।
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