STF जांच में खुलासा आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक प्राथमिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर यूपी एसटीएफ की जांच के दौरान मामला सामने आया। आरोपी ने खुद को ‘देवेंद्र कुमार’ बताकर नौकरी हासिल की थी। उसने हाथरस जिले में तैनात इसी नाम के एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक के फर्जी दस्तावेज पेश किए थे। एसटीएफ की जांच शुरू हुई तो फर्जी शिक्षक ने ड्यूटी से इस्तीफा देने का प्रयास किया।
बीएसए अंजलि अग्रवाल ने कहा, “2006 में, देवेंद्र कुमार ने इसी नाम के एक अन्य शिक्षक के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की थी। उन्हें तीन बार नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने स्पष्टीकरण की पेशकश नहीं की। उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने विभाग से 16 साल से जो वेतन प्राप्त किया है, उसे भी वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।”
राज्य सरकार के आदेश के बाद यूपी एसटीएफ ने एक ऑनलाइन पोर्टल पर प्राथमिक शिक्षा विभाग के मानव संसाधन डेटा की जांच शुरू कर दी है। फिरोजाबाद जिले में अब तक तीन मामले सामने आए हैं, जहां लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी शिक्षक की नौकरी प्राप्त करने में कामयाबी हासिल की।
आपको बताते चलें कि ऐसे टीचरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जिनहोने फर्जी कागजो के आधार पर नौकरी पाई है। पिछले कई सालों से एसटीएफ़ ऐसे लोगों की जांच कर रही है। अब तक 200 से अधिक फर्जी टीचर पाए गए हैं। ।जिनसे सैलरी की वसूली की जा रही है।