27 अगस्त को हुआ था लापता थाना शिकोहाबाद के शंकरपुरी गली नंबर तीन निवासी प्रवीन कुमार यादव पुत्र स्व. राजेन्द्र सिंह यादव ने अपने पुत्र रजत उर्फ बाबू करीब 18 वर्ष के अपहरण होने की सूचना पुलिस को दी थी। प्रवीन ने अपहरणकर्ताओं द्वारा 30 लाख की फिरौती मांगे जाने की शिकायत भी पुलिस से की। घटना को लेकर थानाध्यक्ष ऊदल सिंह युवक की बरामदगी को लेकर जांच में जुट गए थे। युवक की बरामदगी के लिए पुलिस ने कई स्थानों पर दबिश भी दी थी लेकिन जानकारी नहीं हो सक थी।
भोगांव मामा के यहां पहुंच गया था आठ सितंबर को पिता प्रवीन यादव ने पुलिस को सूचना दी कि उनका पुत्र भोगांव निवासी अपने मामा के यहां पहुंच गया है। पुलिस ने जब पूरे मामले की जांच की तो मामला कुछ और ही निकला। वार्ता में एसएसपी अजय कुमार पांडे ने बताया कि आवागमन रास्तों के सम्बन्ध में वृहद जांच व सीसीटीवी फुटेज व सफर की टिकट तथा पूर्व की सर्विलांस रिपोर्ट व अब तक की तमामी विवेचना के आधार पर यह तथ्य प्रकाश में आया कि धोखा-धड़ी करके धन ऐंठने के लालच में मुकदमा वादी के कथित अपहृत पुत्र रजत उर्फ बाबू द्वारा अपने साथियों विक्का उर्फ विकास यादव व लक्ष्मीकान्त निवासीगण रहचटी शिकोहाबाद व मौनू उर्फ मौना व अजीत के साथ मिलकर स्वंय के अपहरण व फिरौती के रूप में 30 लाख रुपये की मांग करने का षड्यन्त्र रचकर किया। धोखा-धड़ी करके धन ऐंठने हेतु योजना बनायी थी।
पूर्व योजना के अनुरूप स्वंय रजत उर्फ बाबू गायब हुआ था तथा उसके उक्त साथीगण योजना के अनुरूप कार्य कर रहे थे। पुलिस की सतर्कता व तमाम तलाश की वजह से योजना सफल न होने के कारण रजत उपरोक्त नाटकीय घटनाक्रम से वापस आ गया। उक्त कृत्य एक संगठित गिरोह बनाकर किया गया है जिसकी वजह से फर्जी दस्तावेज तैयार कर अभियोग पंजीकृत हुआ था। जिसकी वजह से पुलिस मशीनरी का भारी दुरुपयोग हुआ है तथा धारा 364ए, 120बी, 420, 467, 468, 109 आईपीसी के तहत दर्ज किया गया। अभियोग में 364ए के अतिरिक्त धारा 120बी, 420, 467, 468, 109 की बढ़ोतरी की गयी तथा रजत व उसके अन्य चार साथीगण उपरोक्त के नाम प्रकाश में आये तथा पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर उक्त प्रकरण का मुख्य योजना कार व गैंग का सरगना रजत उर्फ बाबू उपरोक्त को दिनांक 09.08.2017 को समय करीब 16.00 बजे एटा चैराहा शिकोहाबाद से गिरफ्तार किया गया है।