scriptफिरोजाबाद की चूड़ियों को पहनकर धड़कता है विदेशी दुल्हनों का दिल | Foreign bride demand firozabad name photo bangles | Patrika News

फिरोजाबाद की चूड़ियों को पहनकर धड़कता है विदेशी दुल्हनों का दिल

locationफिरोजाबादPublished: Sep 16, 2020 01:31:24 pm

Submitted by:

arun rawat

– विदेशों से फिरोजाबाद में आ रहे नाम वाली चूड़ियों के ऑर्डर, सुहागनगरी के नाम से मशहूर फिरोजाबाद की चूड़ियों की खनक देश विदेश तक में है।

Bangle

Bangle

फिरोजाबाद। उत्तर प्रदेश का फिरोजाबाद शहर जिसे सुहाग की निशानी चूड़ियों के लिए जाना जाता है। इसीलिए इसे सुहागनगरी भी कहते हैं। यहां की चूड़ियां केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध हैं। इन्हें पहनकर विदेशी दुल्हनों का दिल भी धड़क उठता है। विदेशों में भारतीय मूल के लोग काफी संख्या में रहते हैं। भारतीय परिवेश और यहां के परिधानों को विदेशों में भी अपनाया जा रहा है।

कनाड़ा से भेजी चूड़ियों की डिमांड
फिरोजाबाद के रहने वाले चर्चिल कनाड़ा में सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करते हैं। उनका पत्नी कनाड़ा की हैं। वह चूड़ियों के बारे में नहीं जानती थीं लेकिन चर्चिल ने जब फिरोजाबाद में तैयार फोटो और नाम वाली चूड़ियां पत्नी को दीं तो उनका दिल भी धड़क उठा। उन्होंने फिरोजाबाद से और चूड़ियों की डिमांड भेजी है।
Bangle
यह बोले चूड़ी विक्रेता
चूड़ी विक्रेता संदीप अग्रवाल ने बताया कि पहले भारत में ही चूड़ियां पहनने की रिवाज थीं। यानि की यहां की महिलाएं चूड़ियों को सुहाग का प्रतीक मानकर उन्हें कलाइयों में पहनती थीं। बताते हैं कि नए कल्चर में चूड़ी की डिमांड भी बदली है। विदेशों में रहने वाले लोगों की डिमांड अब ऐसी चूड़ियों की आ रही है। जिन पर पति और पत्नी के फोटो और नाम लिखे हों। सिंगापुर से सजना की तस्वीर वाले कंगन के आर्डर फीरोजाबाद आए हैं।
फेसबुक के जरिए आ रहे आॅर्डर
सिंगापुर नौकरी करने वाली गायत्री ने भी फेसबुक के जरिए कारोबारियों से संपर्क कर अपनी एवं पति की फोटो के साथ कंगन का सैट बनवाया है। चूड़ी कारोबारी सचिन जैन कहते हैं कि अभी तक फोटो युक्त कंगन सीप पर बनाए जाते थे। सीप के कंगन के साथ चूड़ी पहनने पर वो खनक भी नहीं आती थी, जो कांच के कंगन और चूड़ी पहनने से आती है। कांच के टूटने का खतरा रहता था ऐसे में कारोबारी इतने महंगे कंगन बनाने से बचते थे। कुछ कारोबारियों ने जोखिम उठाया तो कांच की खनक के साथ फोटो का मेल महिलाओं को भी खूब भा रहा है। शहर में तैयार होने वाली चूड़ियों की कारीगरी भी अपने आप में अलग है।
कई भाषाओं में लिखे जाते हैं नाम
पहले चूड़ियों पर नाम केवल अंग्रेजी भाषा में ही लिखे जाते थे लेकिन चूड़ियों पर नाम लिखने की कला भी अपने आप में अनोखी है। वर्तमान में अब चूड़ियों पर हिंदी, मराठी, उर्दू, पंजाबी समेत अन्य भाषा में कपल के नाम लिखे जा रहे हैं। कारोबारी पवन अग्रवाल बताते हैं पहले हाथ से स्टोन लगाने में अन्य भाषा में अक्षर टेढ़े हो जाते थे। अब मशीन से मार्किंग होने लगी है। जिससे आर्डर के आधार पर विभिन्न भाषाओं में नाम लिखने में सहूलियत रहती है। इनकी डिमांड विदेशों से व्हाट्स एप के माध्यम से आती हैं। बदलते परिवेश में चूड़ियां बनाने की कला भी बदली है। नए लुक और डिजाइन के साथ चूड़ियों के कारोबार को आगे बढ़ा रहे हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो