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जिला अस्पताल फिरोजाबाद में लगेगा शिविर
उत्तर प्रदेश शासन के दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग ने शून्य से 5 वर्ष तक की उम्र के गूंगे बहरे बालक बालिकाओं के लिए निशुल्क कोकलियर इंप्लांट सर्जरी (Cochlear implant Surgery) के लिए पात्र बालक बलिकाओं के चयन के लिए स्क्रीनिंग शिविर 27 जुलाई, 2018 को जिला चिकित्सालय फिरोजाबाद (District hospital firozabad) के ईएनटी विभाग (ENT department) में प्रातः 9 से शाम 5 बजे तक आयोजित किया है। यूपी सरकार ( Yogi sarkar) इस कार्य के लिए प्रति बालक 6 लाख रुपये तक खर्च करेगी। ऑपरेशन के बाद स्पीच थैरेपी के कई सेशन चलते हैं। इसके बाद मूकबधिर (गूंगे बहरे) बालक बालिकाएं सुनने में सक्षम हो सकेंगे। कॉकलियर इम्प्लांट के बाद उत्तम परिणाम के लिए लगातार नियम से स्पीच थैरेपी बहुत जरूरी होती है।
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स्क्रीनिंग कमेटी करेगी चयन
दिव्यांगजन शशक्तिकरण विभाग स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा चयनित बालक बालिकाओं का ऑपरेशन कर उच्च तकनीक आधारित कॉकलीयर इम्प्लांट किया जाएगा,जिससे बच्चा सुनने में समर्थ बन सकेगा। ऑपरेशन के उपरान्त निरन्तर स्पीच थिरैपी भी विभाग द्वारा ही निःशुल्क कराई जाएगी,तभी बालक सुनने के साथ समझने व बोलने में सक्षम होकर वह सामान्य बालकों की तरह अपना जीवन यापन कर सकता है।
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ये प्रमाणपत्र साथ लाएंरेडक्रॉस सोसायटी के महासचिव एवं राष्ट्रीय मूक बधिर विद्यालय समिति के सचिव विश्वमोहन कुलश्रेष्ठ ने बताया कि अभिभावक मूकबधिर बालक बालिकाओं को इस शिविर में जरूर लाएं। शिविर में अपने बच्चे का आधार कार्ड, एक फोटो तथा स्वयं अपना या परिवार के मुखिया का तहसील द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र,जिसमें शहरी क्षेत्र के लिए वार्षिक आय 112000 रुपये से अधिक ना हो तथा ग्रामीण क्षेत्र के लिए 92000/रुपये सालाना आय से अधिक न हो, साथ लाना होगा। यह पहली बार हो रहा है, जब उत्तर प्रदेश सरकार ऐसे दिव्यांग बालक, बालिकाओं के लिए कॉकलीयर इम्प्लांट पर 6 लाख रुपये खर्च कर रही है।
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इस तरह होता है काम
उन्होंने बताया कि कॉकलीयर इम्प्लांट से सुनने की शक्ति मस्तिष्क तक पहुँचाई जाती है। इम्प्लांट के तीन भाग होते हैं। पहले भाग में ऑपरेशन कर कान के पीछे की हड्डी पर इम्प्लांट लगाया जाता है तथा कान के पास मस्तिष्क के बाहरी हिस्से में माइक्रोफोन एवं
स्पीच प्रोसेसर लगाया जाता है और बाहर की आवाजों को अंदर पहुँचाया जाता है। दूसरे भाग में मैपिंग की जाती है। इसमें अन्दर और बाहर के इम्प्लांट के बीच सामन्जस्य बैठाया जाता है। तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है एवीटी (ऑडिटरी वर्बल थिरैपी)। इसके तहत बच्चे को बोलने, आवाजों को समझने, पहचानने और रेस्पांस करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। निरन्तर अभ्यास द्वारा बच्चे को साधारण बालक की तरह जीवने जीने के लिए सक्षम बनाया जाता है।
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यहां करें संपर्क
श्री कुलश्रेष्ठ ने मूकबधिर बालक -बालिकाओं के अभिभावकों से अनुरोध किया है कि अपने बच्चे के भविष्य को बेहतर बनाने और दिव्यांगता से मुक्ति दिलाने के लिए इस शिविर का लाभ लें। किसी प्रकार की जानकारी या परामर्श हेतु दीक्षारानी कुलश्रेष्ठ, प्रधानाचार्य राष्ट्रीय मूक बधिर विद्यालय सेक्टर-1, सुहागनगर फिरोजाबाद या रेडक्रॉस सोसायटी कार्यालय, रेडक्रॉस भवन, निकट पोस्टमार्टम हाउस,जिला अस्पताल फिरोजाबाद में संपर्क अथवा मोबाइल नम्बर 9458404561 पर वार्ता भी कर सकते हैं। इसके अलावा इच्छुक अभिभावक दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी अनुपम राय से उनके मोबाइल नम्बर 8126815748 पर भी विस्तृत जानकारी ले सकते हैं।