ट्विटर से दी जानकारी
यह जानकारी उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल से देते हुए बताया कि उनके निर्देश पर सूचना विज्ञान द्वारा भू-माफियाओं का विवरण वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। उन्होंने बताया कि इससे न सिर्फ प्रशासन एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को भू-माफियाओं के कब्जे से भूमि मुक्त करायी जाएगी बल्कि भूमि को सुरक्षित रखने एवं वेबसाइट के माध्यम से नियमित रूप से उस पर निगरानी रखने में आसानी होगी।
यह जानकारी उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल से देते हुए बताया कि उनके निर्देश पर सूचना विज्ञान द्वारा भू-माफियाओं का विवरण वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। उन्होंने बताया कि इससे न सिर्फ प्रशासन एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को भू-माफियाओं के कब्जे से भूमि मुक्त करायी जाएगी बल्कि भूमि को सुरक्षित रखने एवं वेबसाइट के माध्यम से नियमित रूप से उस पर निगरानी रखने में आसानी होगी।
आम जनता भी जान सकेगी माफियाओं को
बल्कि जनपद की आम जनता को भी यह जानकारी आसानी से मिल सकेगी। जिससे वह किसी भू-माफिया के चंगुल में फसकर किसी सरकारी अथवा अवैध जमीन के व्यापार में संलिप्त न हों जाए। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा प्राप्त निर्देशों के क्रम में भू-माफियाओं को चिन्हित किया जा रहा है और यदि कहीं पर और मामले प्रकाश में आएंगे तो उन पर आगे भी कार्यवाही की जायेगी।
बल्कि जनपद की आम जनता को भी यह जानकारी आसानी से मिल सकेगी। जिससे वह किसी भू-माफिया के चंगुल में फसकर किसी सरकारी अथवा अवैध जमीन के व्यापार में संलिप्त न हों जाए। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा प्राप्त निर्देशों के क्रम में भू-माफियाओं को चिन्हित किया जा रहा है और यदि कहीं पर और मामले प्रकाश में आएंगे तो उन पर आगे भी कार्यवाही की जायेगी।
कराई गई है जीओ टैगिंग
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि अधिकारियों की अत्याधुनिक तकनीकी से कार्य कुशलता बढ़ाये जाने के लिए नियमित रूप से प्रयास किये जा रहे हैं इसी क्रम में गत 4 जुलाई को विकास भवन सभागार में रिमोट सेंसिंग से एवं सेटेलाइट के माध्यम से डाटा एकत्रित करके विकास कार्यों को तेजी से कराये जाने और जियो टैगिंग का विस्तार पूर्वक प्रशिक्षण दिया गया था। जिसके प्रयोग के रूप में भू-माफियाओं का विवरण वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। उन्होंने बताया कि पहले से ही कई कार्यक्रमों जैसे शौचालय निर्माण, वृक्षारोपण आदि में जियो टैगिंग करायी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार अन्य डिफॉल्टर्स की सूची भी वेबसाइट पर अपलोड कराये जाने की कार्यवाही की जा रही है।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि अधिकारियों की अत्याधुनिक तकनीकी से कार्य कुशलता बढ़ाये जाने के लिए नियमित रूप से प्रयास किये जा रहे हैं इसी क्रम में गत 4 जुलाई को विकास भवन सभागार में रिमोट सेंसिंग से एवं सेटेलाइट के माध्यम से डाटा एकत्रित करके विकास कार्यों को तेजी से कराये जाने और जियो टैगिंग का विस्तार पूर्वक प्रशिक्षण दिया गया था। जिसके प्रयोग के रूप में भू-माफियाओं का विवरण वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। उन्होंने बताया कि पहले से ही कई कार्यक्रमों जैसे शौचालय निर्माण, वृक्षारोपण आदि में जियो टैगिंग करायी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार अन्य डिफॉल्टर्स की सूची भी वेबसाइट पर अपलोड कराये जाने की कार्यवाही की जा रही है।