ऑक्सीजन की हो रही लगातार मांग
कारोबारी अतुल कुमार बताते हैं कि माउथ ब्लोइंग कारखानों में कांच की मूर्तियां और खेल खिलौने तैयार किए जाते हैं। इन्हें डिमांड पर दूसरे प्रांतों में भेजा जाता है। हस्तशिल्प और माउथ ब्लोइंग कारखानों में करीब दो लाख मजदूर काम करते हैं। इस समय ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे कांच कारोबार में कामकाज ठप सा हो गया है। इसके चलते इस काम से जुड़े लोग बेरोजगार हो गए हैं। यहां काम करने वाले मजदूरों को दिहाड़ी (दिन के हिसाब) से मेहनताना मिलता है। ऑक्सीजन के लिए लगातार मांग की जा रही है।