एक्सप्रेस वे पर छोड़े गौवंश
चौकी बाबा की शाला पर ग्राम कठफोरी में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर ग्रामीणों के द्वारा आवारा पशुओं को चढ़ा देने की सूचना मिली। इस पर चौकी प्रभारी मौके पर पहुंच गए। वहां स्थिति बिगड़ती देखकर उन्होंने सिरसागंज थाने में सूचना दी। इसके बाद मौके पर सिरसागंज और नगला खंगर थाने से फोर्स पहुंच गया। पुलिसकर्मियों ने ग्रामीणों से एक्सप्रेस-वे पर पशुओं व गोवंशों को चढ़ाने से मना किया। इसके बाद भी जब ग्रामीण नहीं मानें तो पुलिस ने लाठियां फटकार करके ग्रामीणों को तितर-बितर किया। इसके थोड़ी देर बाद सूचना पाकर पहुंचे उपजिलाधिकारी राजेश कुमार वर्मा और सीओ संजय रेड्डी ने एक्सप्रेस-वे के पास से पशुओं को हटवाया। इसके बाद एनएच दो पर पर लगने वाले सब्जी के बाजार को भी हटवा दिया गया।
चौकी बाबा की शाला पर ग्राम कठफोरी में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर ग्रामीणों के द्वारा आवारा पशुओं को चढ़ा देने की सूचना मिली। इस पर चौकी प्रभारी मौके पर पहुंच गए। वहां स्थिति बिगड़ती देखकर उन्होंने सिरसागंज थाने में सूचना दी। इसके बाद मौके पर सिरसागंज और नगला खंगर थाने से फोर्स पहुंच गया। पुलिसकर्मियों ने ग्रामीणों से एक्सप्रेस-वे पर पशुओं व गोवंशों को चढ़ाने से मना किया। इसके बाद भी जब ग्रामीण नहीं मानें तो पुलिस ने लाठियां फटकार करके ग्रामीणों को तितर-बितर किया। इसके थोड़ी देर बाद सूचना पाकर पहुंचे उपजिलाधिकारी राजेश कुमार वर्मा और सीओ संजय रेड्डी ने एक्सप्रेस-वे के पास से पशुओं को हटवाया। इसके बाद एनएच दो पर पर लगने वाले सब्जी के बाजार को भी हटवा दिया गया।
हाईवे पर बनी जाम की स्थिति
एसडीएम का कहना है कि बेसहारा पशुओं व गोवंशों को एकत्रित करके आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर चढ़ाने की सूचना मिली थी। इसे समय रहते रुकवा दिया गया। गोवंशों के कारण हाईवे पर जाम की स्थिति भी बनी। उसे भी पशुओं को वहां से हटवाकर सामान्य कर दिया गया है। फिलहाल यह ज्ञात नहीं हो सका है कि इतनी मात्रा में आखिर यह पशु और गोवंश यहां आए कहां से। इसके साथ ही ग्रामीणों को आगे से ऐसा न करने की चेतावनी भी दी गई है।
एसडीएम का कहना है कि बेसहारा पशुओं व गोवंशों को एकत्रित करके आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर चढ़ाने की सूचना मिली थी। इसे समय रहते रुकवा दिया गया। गोवंशों के कारण हाईवे पर जाम की स्थिति भी बनी। उसे भी पशुओं को वहां से हटवाकर सामान्य कर दिया गया है। फिलहाल यह ज्ञात नहीं हो सका है कि इतनी मात्रा में आखिर यह पशु और गोवंश यहां आए कहां से। इसके साथ ही ग्रामीणों को आगे से ऐसा न करने की चेतावनी भी दी गई है।