शौचालय के गड्ढे से निकाला काला सोना
सचिव ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव में बनवाए गए शौचालयों के गड्ढे से ‘काला सोना’ यानि मल से बनी खाद निकाली। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि शौचालय का गड्ढा भरने के उपरांत एक साल बाद उसके अंदर से सोने जैसी खाद निकलती है। इस खाद को खेत में डालने से उसकी उर्वरक क्षमता में वृद्धि होती है।
सचिव ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव में बनवाए गए शौचालयों के गड्ढे से ‘काला सोना’ यानि मल से बनी खाद निकाली। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि शौचालय का गड्ढा भरने के उपरांत एक साल बाद उसके अंदर से सोने जैसी खाद निकलती है। इस खाद को खेत में डालने से उसकी उर्वरक क्षमता में वृद्धि होती है।
पांच साल में भरता है एक गड्ढा
उन्होंने बताया कि एक शौचालय में दो गड्ढे होते हैं। इनमेें एक गड्ढा पांच साल में भरता है। एक साल में गड्ढा भरने की बात को खारिज करते हुए उन्होंने ग्रामीणों को शौचालय संबंधी जानकारी प्रदान की। इस दौरान काफी संख्या में ग्रामीणों ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया।
उन्होंने बताया कि एक शौचालय में दो गड्ढे होते हैं। इनमेें एक गड्ढा पांच साल में भरता है। एक साल में गड्ढा भरने की बात को खारिज करते हुए उन्होंने ग्रामीणों को शौचालय संबंधी जानकारी प्रदान की। इस दौरान काफी संख्या में ग्रामीणों ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया।
दूसरों को भी करें जागरूक
डीएम नेहा शर्मा ने ग्रामीणों को जागरूक करते हुए कहा कि खेत में जाने से बेहतर है शौचालय का प्रयोग करना। शौचालय का प्रयोग करने से बीमारियां पास नहीं आती। परिवार निरोगी रहता है। शौचालय के गड्ढों से सोना खाद निकलती है। जिसका उपयोग खेतों में किया जा सकता है। उन्होंने अन्य लोगों को भी जागरूक करने की अपील ग्रामीणों से की।
डीएम नेहा शर्मा ने ग्रामीणों को जागरूक करते हुए कहा कि खेत में जाने से बेहतर है शौचालय का प्रयोग करना। शौचालय का प्रयोग करने से बीमारियां पास नहीं आती। परिवार निरोगी रहता है। शौचालय के गड्ढों से सोना खाद निकलती है। जिसका उपयोग खेतों में किया जा सकता है। उन्होंने अन्य लोगों को भी जागरूक करने की अपील ग्रामीणों से की।