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World Tourism Day: टूरिज्म की Firozabad में अपार संभावनाएं, एक बार जो आया भूल नहीं पाएगा, देखें वीडियो क्या है फिरोजाबाद में खास

locationफिरोजाबादPublished: Sep 27, 2019 10:35:38 am

Submitted by:

arun rawat

— फिरोजाबाद में तीर्थ स्थलों के साथ ही मुगलकालीन भवनों के अवशेष हैं, जो यहां के इतिहास को बताते हैं।

Kotla Tila

Kotla Tila

फिरोजाबाद। फिरोजाबाद वैसे तो कांच नगरी के नाम से विख्यात है। यहां के कांच उत्पाद देश विदेश में भी मशहूर हैं। इस शहर को टूरिस्ट स्थल बनाए जाने की मांग समय—समय पर उठती रही है लेकिन इसके बाद भी इस शहर को टूरिस्ट सिटी का दर्जा नहीं मिल सका है जबकि इस जिले के विभिन्न स्थानों पर तमाम ऐसे स्थल हैं जिन्हें देखकर आप भी कह उठेंगे! भई वाह मजा आ गया। कुछ ऐसे ही स्थलों के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। इस खबर को पढ़ने के बाद आपका भी मन एक बार फिरोजाबाद आने का जरूर करेगा।
माता टीला मंदिर
माता टीला मंदिर जसराना के पाढ़म पंचायत में स्थित है। यह मंदिर बहुत पुराना है। इस देवी मंदिर की खासियत है कि जो भी यहां एक बार दर्शन को आया उसके मन को सुकून मिलता है और उसके मन की इच्छा पूरी होती है।
Teela Mata Mandir
चन्द्रवाड़ किला
फ़िरोज़ाबाद से लगभग 13 किलो मीटर दूर यमुना तट पर चंदवार वसा हुआ है। यहाँ पर मोहम्मद ग़ौरी एवम् जयचंद का युद्ध हुआ था। जैन विद्वानों की यह मान्यता थी कि ये कृष्न भगवान, कृष्न के पिता वासुदेव द्वारा शसित रहा है। कहा जाता है कि चंदवार नगर की स्थापना चंद्रसेन ने की थी। यमुना नदी ग्राम से होकर बहती है जहां चंद्रसेन के वंशज चंद्रपाल द्वारा बनवाए किले के अवशेष खंडहर इनकी विशालता एवं वैभव की कहानी कहते हैं। पुरातात्विक दृष्टिकोण से चंदबार एक महत्वपूर्ण स्थान है सूफी साहब की दरगाह से लगभग 1 किलोमीटर दूर दक्षिण की ओर यमुना नदी के किनारे राजा चंद्रसेन के किले का टीला स्थित है इस टीले पर एक छोटी इमारत खड़ी है जिसके नीचे के भाग की हिट निकल रही है ऊपर आने के लिए एक जीना है जिसकी सीढ़ियां टूट गई है पानी से पीला कहीं-कहीं कट गया है ऐसी किवदंती है कि टीले पर दूब घास नहीं होती जबकि खाई के बाहरी और यह खास उगती है।
chandrawad kila
हनुमान मंदिर गोपाल आश्रम
फ़िरोज़ाबाद से लगभग 0.5 किलोमीटर दूरी पर मराठा शासन काल में वाजीराव पेशवा द्वतीय द्वारा इस मंदिर की स्थापना एक मठिया के रूप में की गई थी। यहाँ 19वीं शताब्दी के ख्याति प्राप्त तपस्वी चमत्कारिक महात्मा वावा प्रयागदास की चरण पादुकाएं भी स्थित हैं। इस मंदिर में करीब 60 फीट ऊंची हनुमान जी की प्रतिमा है जो आकर्षण का केन्द्र बिंदु है।
Hanuman mandir
कोटला का किला
हिरनगांव से लगभग 12 किलोमीटर दूरी पर 1884 के गजेटियर के अनुसार कोटला का किला है। जिसकी खाई 20 फ़ीट चौडी, 14 फुट गहरी, 40 फुट ऊँची दर्शाई गई है। भूमि की परिधि 284 फ़ीट उत्तर 220 फ़ीट दक्षिण तथा 320 फ़ीट पूर्व तथा 480 फ़ीट पश्चिम है। वर्तमान में यह किला नष्ट हो गया है किन्तु अब भी उसके अवशेष देखने को मिलते हैं।
Kotla Tila
सूफी शाह दरगाह
फ़िरोज़ाबाद से लगभग 15 किलो मीटर दूर दक्षिण में यमुना के किनारे सूफी शाह का मकबरा है। जहाँ प्रतिवर्ष मेला लगता है तथा उर्स भी होता है। उक्त स्थल पर सूफी शाह की मजार पर नगर के मुस्लिम व् हिन्दू श्रद्धा से मेले में सरीक होते हैं।
sufi shah dargah
जैन मंदिर
फ़िरोज़ाबाद से लगभग 8 किलो मीटर दूर जैन मंदिर की स्थापना स्वर्गीय सेठ छदामी लाल जैन द्वारा की गई थी। मंदिर के हॉल में भगवान महावीर जी की सुन्दर मूर्ति पदमासन की मुद्रा में स्थापित है। इस सुन्दर व् विशाल मंदिर में 2 मई 1976 में 45 फीट लंबी और 12 फीट चौड़ी भगवान बाहुबलि स्वामी की मूर्ति स्थापित की गई है। मूर्ति का वजन कुल 130 टन है। यह उत्तरी भारत की पहली तथा देश की पाँचवी बड़ी प्रतिमा है। चंद्रप्रभु की सुन्दर प्रतिमा भी स्थापित है। सम्पूर्ण भारतवर्ष से जैन मतावलंबी महावीर दिगंबर जैन मंदिर के दर्शनार्थ हजारो की संख्या में प्रति माह आते रहते है।
jain mandir
वैष्णों देवी मंदिर उसायनी
फ़िरोज़ाबाद से लगभग 4 किलो मीटर दूर पर मंदिर बना हुआ है। यहाँ कोई भी सच्चे मन से मांगी गई मन्नत पूरी होती है। यहाँ प्रतिवर्ष नवदुर्गो में मेला लगता है और हजारो की संख्या में बड़ी दूर दूर से श्रदालु माता के दर्शन के लिए आते है और अपनी मन्नते पूर्ण करने के लिए मांगते है एव नेजा भी काफी संख्या में यहाँ चढ़ाये जाते हैं।
Vaishno devi mandir
पसीना वाले हनुमान मंदिर
फिरोजाबाद में चन्द्रवार गांव के समीप यमुना किनारे पसीना वाले हनुमान मंदिर स्थापित है। यह हनुमान प्रतिमा चमत्कारिक है। इस प्रतिमा से हर समय पसीना निकलता रहता है।

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