एक्सपोर्टर दिनेश बंसल बताते हैं कि अभी तक फिरोजाबाद में तैयार होने वाली कांच की चूड़ियों को कश्मीर नहीं भेजा जाता था। वहां आतंकवाद का खतरा रहता था। वहीं कश्मीर की घाटियों में माल भेजना सुरक्षित नहीं माना जाता था। यदि वहां का व्यापारी माल लेने के बाद भी रुपए नहीं देता तो हम जैसे एक्सपोर्टरों को काफी परेशानी होती। वहां का नियम कानून भी यहां से अलग था। इसलिए फिरोजाबाद से कोई भी उद्यमी वहां माल नहीं भेजता था।
ट्रांसपोर्टर विवेक मित्तल कहते हैं कि पहली बार कश्मीर चूड़ियों की गाड़ी भेजी है। धारा 370 हटने के बाद कश्मीर में काफी कुछ बदला है। आतंकवाद की घटनाएं भी सुनने को नहीं आईं। कश्मीर में धीरे—धीरे व्यापार बढ़ेगा। ऐसे में कांच उद्योग भी पीछे नहीं रहेगा। अब हर कोई कश्मीर में व्यापार करना चाहता है। वहां के कुछ उद्यमियों से बात की गई है। अभी कम माल भेजा गया है। डिमांड मिलने पर और भेजा जाएगा।
कांच उद्यमी पंकज गुप्ता ने बताया कि फिरोजाबाद में पहले से ही करीब 250 इकाइयां संचालित हैं। ऐसे में कई राज्यों में फिरोजाबाद का कांच उद्योग अपने पैर पसार रहा है। कश्मीर में हर कोई माल भेजने को तैयार नहीं होता था लेकिन धारा 370 हटने के बाद पहली बार रक्षाबंधन पर्व को लेकर शहर से चूड़ियों की गाड़ियां कश्मीर गई हैं। ऐसे में फिरोजाबाद के अंदर उत्पादन भी बढ़ेगा।