यह था मामला
फिरोजाबाद के मौहम्मद फुरकान ने रसूलपुर थाना क्षेत्र में सीएए को लेकर धरना प्रदर्शन की अनुमति थानाध्यक्ष से मांगी थी लेकिन उन्होंने इसकी अनुमति नहीं दी थी। धरना प्रदर्शन की अनुमति न मिलने पर याची ने थानाध्यक्ष के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील दायर की। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस भारती सप्रू और जस्टिस पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया।
फिरोजाबाद के मौहम्मद फुरकान ने रसूलपुर थाना क्षेत्र में सीएए को लेकर धरना प्रदर्शन की अनुमति थानाध्यक्ष से मांगी थी लेकिन उन्होंने इसकी अनुमति नहीं दी थी। धरना प्रदर्शन की अनुमति न मिलने पर याची ने थानाध्यक्ष के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील दायर की। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस भारती सप्रू और जस्टिस पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने यह दिया तर्क
कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि यदि याची भारत का नागरिक है तो हर कीमत पर शांति व्यवस्था कायम रखना उसकी जिम्मेदारी है। कोर्ट ने कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन की अनुमति न देने के निर्णय को विवेकपूर्ण बताया। कोर्ट के इस निर्णय की सभी शहरवासियों ने तहेदिल से सराहना की है। शहर की समाजसेविका प्रतिभा उपाध्याय कहती हैं कि कोर्ट का निर्णय सराहनीय है।
कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि यदि याची भारत का नागरिक है तो हर कीमत पर शांति व्यवस्था कायम रखना उसकी जिम्मेदारी है। कोर्ट ने कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन की अनुमति न देने के निर्णय को विवेकपूर्ण बताया। कोर्ट के इस निर्णय की सभी शहरवासियों ने तहेदिल से सराहना की है। शहर की समाजसेविका प्रतिभा उपाध्याय कहती हैं कि कोर्ट का निर्णय सराहनीय है।