संवार रहीं बच्चों का भविष्य सुहागनगरी के
टूंडला निवासी प्रतिभा उपाध्याय विगत चार वर्षों से समाजसेवा के कार्यों से जुड़ी हैं। इन चार वर्ष के अंदर उन्होंने गरीब बच्चों का भविष्य संवारने का काम किया तो वहीं जनहित के कार्यों में भी बढ़ चढ़कर भाग लिया। प्रतिभा उपाध्याय के पति रेलवे में कार्यरत हैं। बच्चे बाहर नौकरी पर हैं। प्रतिभा घर में रहकर समाजसेवा कर रही हैं। ये दो वर्ष पूर्व अखिल भारतीय सवर्ण संगठन से जुड़ी थीं लेकिन इसके बाद उन्होंने गरीब और पीड़ितों की मदद करने का जिम्मा उठा लिया।
दो बच्चों से हुए दो दर्जन प्रतिभा ने विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन धारकों की पेंशन बनवाने का काम किया। निजी स्कूलों में फीस वृद्धि को लेकर आवाज उठाई। उसके बाद स्कूल संचालकों में खलबली मच गई थी। इसके बाद उन्होंने आस-पास की गरीब महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सराहनीय कदम उठाए। अब वह ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता नहीं हैं या फिर बच्चों को पढ़ाने में असमर्थ हैं, उनको अपने घर पर बुलाकर पढ़ाती हैं। वह बताती हैं कि उन्होंने दो बच्चों को निशुल्क पढ़ाना शुरू किया था। वर्तमान में करीब दो दर्जन बच्चे उनके घर पर पढ़ने के लिए आते हैं। वह बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करती हैं। अब उनके द्वारा पढ़ाए गए बच्चे काफी कुछ सीख चुके हैं।