राजधानी से 250 किलोमीटर की दूरी पर है फिरोजाबाद देश की राजधानी दिल्ली से महज 250 किलोमीटर की दूरी पर बसा शहर सुहाग नगरी जिसे हम फ़िरोज़ाबाद के नाम से जानते हैं। मुगल शासन काल से ही मुगल सम्राटों एव राजा चन्द्रसेन से जुड़े कई रहस्य आज भी चन्द्रवार स्थित राजा चन्द्रसेन के किले एव मकबरा फ़िरोजशाह में समाए हुए हैं। धीरे-धीरे एक छोटा सा कस्बा आबादी बढ़ने के साथ विकसित भी होता चला गया। आज जिस फ़िरोज़ाबाद को लोग देश विदेशों तक जानते हैं यहां कांच के काम की कारीगरी काबिले तारीफ है।
ताजमहल से मात्र 45 किलोमीटर की दूरी पर है दुनियां के सातवें अजूबे ताजमहल की सफेद चमक यहां से महज 40 से 45 किलोमीटर की दूरी पर ही चमकती है। जहां 1901 में फ़िरोज़ाबाद की कुल आबादी 1623 थी जो आज लाखों में है। फ़िरोज़ाबाद में नगर पालिका की स्थापना 1868 में प्रारम्भ हुई जब पुलिस का कार्य भी नगर पालिका के अधीन हुआ करता था। पांच विधान सभा एवं एक लोकसभा वाले इस जनपद को निरंतर नए-नए परिसीमनों के तहत नई-नई तकनीकी सुविधाएं तो दूसरी ओर विकास कार्य भी मिलते गए। पांच फरवरी 1989 को जनता के आंदोलन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी द्वारा फिरोजाबाद को जनपद घोषित किया गया। जिसमें मैनपुरी, एटा, आगरा जैसे जिलों की कई सीमाओं को जनपद फ़िरोज़ाबाद से जोड़ा गया।
2014 में बना नगर निगम सन् 2014 में फ़िरोज़ाबाद को नगर निगम का दर्जा प्राप्त हुआ। फिर 2015 में सिरसागंज के रूप में एक नई तहसील मिली 64 पंचायतें मिलीं। कांच उद्योग को गैस कोयले से छुट्टी मिली। इस शहर को दो एक्सप्रेस वे और 100 सैया महिला अस्पताल एवं ट्राॅमा सेंटर की सौगात मिली। पानी की गंभीर समस्या के निदान के लिए सबसे बड़ी परियोजना जेडा झाल पानी परियोजना मिली। शहर का विकास तो हुआ लेकिन कुछ महत्वपूर्ण पहलू हैं जो शासन से मुंह चिढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। जैसे परिवहन रोडवेज डिपो की कमी रेलवे स्टेशन को ए श्रेणी का न बनाया जाना। एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव, ग्रामीण रूटों पर परिवहन बस सेवा, जसराना में फायर स्टेशन की स्थापना, आलू उत्पादक किसानों के लिए फैक्ट्री की स्थापना, कांच उद्योग से जुड़े श्रमिकों को काॅलोनी की स्थापना, जिले में कोई बड़ी प्रदर्शनी या बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम न होना, मुख्यालय तक लोकल सिटी बसें चलवाना आदि अव्यवस्थाएं शामिल हैं।
जिले में हैं कुल 810 गांव जनपद में कुल 810 गांव शामिल हैं। जिनमें सर्वाधिक गांव शिकोहाबाद तहसील में हैं तो सबसे कम टूंडला में। क्षेत्रफल को देखते हुए जनपद फ़िरोज़ाबाद कोई खास बड़े पैमाने पर नहीं है लेकिन जनसंख्या पर पड़ोसी जनपदों से कई गुना अधिक है। लेबर क्लास सिटी फ़िरोज़ाबाद में आज हर वो चीज मौजूद है जो लोगों को मेट्रोपोलिटन सिटी में चाहिए। सिर्फ मल्टीप्लेक्स सिनेमाहालों को छोड़कर सुई से लेकर ट्रक तक यहां शोरूमो में मौजूद है। बेहतर इलाज हेतु बेहतरीन हॉस्पिटल ट्राॅमा आदि के साधन भी हैं। बड़ा फायर स्टेशन तहसील के निकट मौजूद है तो यहां का जिला मुख्यालय गाजियाबाद के बाद दूसरे स्थान पर है। राजनीतिक हलचल यहां उपचुनाव में ऐसी हुई कि दर्जनों फिल्मस्टार क्रिकेटर भी फ़िरोज़ाबाद की सरजमीं पर आए थे। वह लोकसभा उपचुनाव
समाजवादी पार्टी की एक भूल के चलते चर्चाओ में रहा था।
वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर आंकड़े- हिन्दूः-85.69 प्रतिशत मुस्लिमः-12.60 प्रतिशत क्रिश्चियनः-00.13 प्रतिशत सिक्खः-00.07 प्रतिशत बौद्धः-00.13 प्रतिशत जैनः-00.76 प्रतिशत अन्यः-00.60 प्रतिशत आंकड़ों की मानें तो जनपद भर में हिन्दुओं की संख्या सर्वाधिक है दूसरे नम्बर पर मुस्लिम आबादी 12.60प्रतिशत के हिसाब से है। बहराल गंगा जमुनी तहजीब वाले इस जनपद फ़िरोज़ाबाद में सभी मिलजुलकर आपसी सौहार्द से रहते हैं।