टायल्स और पत्थर का करते हैं काम
नोएडा में टायल्स और पत्थर का काम करने वाले 114 लोग बिहार और झारखंड के लिए साइकिल से निकल आए। झारखंड में रहने वाले दीनानाथ ने बताया कि बिहार और झारखंड के काफी लोग नोएडा, दिल्ली और गुड़गांव में काम करते हैं। उनके कुछ साथी पहले ही निकल गए थे लेकिन वह नहीं निकल पाए। उन्हें कंपनी की ओर से साइकिल दी गई हैं। वह सभी साइकिल लेकर अपने घर के लिए निकल आए।
नोएडा में टायल्स और पत्थर का काम करने वाले 114 लोग बिहार और झारखंड के लिए साइकिल से निकल आए। झारखंड में रहने वाले दीनानाथ ने बताया कि बिहार और झारखंड के काफी लोग नोएडा, दिल्ली और गुड़गांव में काम करते हैं। उनके कुछ साथी पहले ही निकल गए थे लेकिन वह नहीं निकल पाए। उन्हें कंपनी की ओर से साइकिल दी गई हैं। वह सभी साइकिल लेकर अपने घर के लिए निकल आए।
बिना जांच के लिए आगे कर दिए रवाना
रास्ते में पुलिस मिली तो उन्होंने भी बिना जांच कराए उन्हें ट्रैक्टर ट्रॉली में बिठाकर रवाना कर दिया। बुधवार शाम को जैसे ही यह सभी लोग टूंडला की सीमा में पहुंचे। पहले से तैनात पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया। एसडीएम के निर्देश पर उन सभी को बीरी सिंह कॉलेज में ले जाया गया। जहां स्क्रीनिंग के बाद उन्हें क्वारंटाइन करा दिया गया। तहसीलदार डॉ. गजेन्द्र पाल सिंह का कहना है कि लॉक डाउन के बीच यह सभी युवक यहां तक आ गए यह लापरवाही है। फिलहाल इन्हें क्वारंटाइन कर जांच कराई जा रही है।
रास्ते में पुलिस मिली तो उन्होंने भी बिना जांच कराए उन्हें ट्रैक्टर ट्रॉली में बिठाकर रवाना कर दिया। बुधवार शाम को जैसे ही यह सभी लोग टूंडला की सीमा में पहुंचे। पहले से तैनात पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया। एसडीएम के निर्देश पर उन सभी को बीरी सिंह कॉलेज में ले जाया गया। जहां स्क्रीनिंग के बाद उन्हें क्वारंटाइन करा दिया गया। तहसीलदार डॉ. गजेन्द्र पाल सिंह का कहना है कि लॉक डाउन के बीच यह सभी युवक यहां तक आ गए यह लापरवाही है। फिलहाल इन्हें क्वारंटाइन कर जांच कराई जा रही है।