कुशवाह नगर मरघटी के पास रहने वाले 34 वर्षीय सुशील पुत्र बुद्धसेन कबाड़ कारोबारी थे। वह कबाड़ का सामान खरीदने और बेचने का काम करते थे। तीन मई को थाना उत्तर पुलिस सुशील को चोरी की बाइक के मामले में पकड़कर थाने ले गई थी। कबाड़ कारोबारी के भाई नीरज के मुताबिक पुलिस ने थाने में ले जाकर उसे थर्ड डिग्री की यातनाएं दी जिसके कारण सुशील को गंभीर चोटें आईं। उन्हें खून की उल्टियां होने लगी थीं। ज्यादा हालत खराब होते देख पुलिस ने सुनील को घर भेज दिया था।
परिजनों का कहना है कि सुशील के कान से भी खून निकल रहा था। हालत देखकर वे फौरन उन्हें जिला अस्पताल ले गए। लेकिन हालत गंभीर होने के कारण चिकित्सकों ने उन्हें आगरा रेफर कर दिया था। आगरा में उपचार के दौरान सुशील की मौत हो गई। इसके बाद परिवारीजन देर शाम शव लेकर फिरोजाबाद पहुंचे और बाईपास रोड पर शव रखकर जाम लगा दिया।
जाम की सूचना पर थाना उत्तर पुलिस के अलावा एसपी सिटी राजेश कुमार, सीओ सिटी डाॅ. अरूण कुमार समेत काफी संख्या में पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गया। पुलिस ने जबरन शव हटाने का प्रयास किया तो परिजनों ने हंगामा करते हुए पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया। शहर विधायक मनीष असीजा ने मौके पर पहुंचकर पोस्टमार्टम की फोटोग्राफी कराए जाने का आश्वासन देकर जाम खुलवाया।
मृतक के परिवारीजन सुनील की मौत पर मुआवजे की मांग कर रहे थे। इस दौरान शव न मिलने पर भीड़ ने पुलिसकर्मियों से उनकी बंदूक छीनकर उन्हें दौडा दिया। देर रात तक बाईपास पर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस फोर्स तैनात रहा।