भारतीय रेल का विश्व में चैथा बड़ा नेटवर्क है हम आपको बता दें कि भारतीय रेलवे के नेटवर्क को विश्व का चैथे सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क का दर्जा प्राप्त है। भारतीय रेलवे ट्रैक 92 हजार 81 किलोमीटर तक फैला हुआ है, जो देश के एक कोने को दूसरे कोने से जोड़ता है। आकड़ों के अनुसार भारतीय रेल एक दिन में लगभग 66 हजार 687 किलोमीटर की दूरी तय करती है। व्यक्ति देश के एक कोने से दूसरे कोने तक आसानी से पहुंच जाता है।
जंक्शन लिखे होने का यह होता है अर्थ किसी स्टेशन के नाम के अन्त में जंक्शन लिखे होने का मतलब है कि उस स्टेशन पर ट्रेन के आने जाने के लिए तीन से अधिक रास्ते हैं। यानि एक रास्ते से ट्रेन आ सकती है और दो अन्य रास्तों से ट्रेन स्टेशन से जा सकती है। इसलिए ऐसे स्टेशन के नाम के अन्त में जंक्शन लिखा होता है। भारत में फिलहाल मथुरा जंक्शन (7 रूट्स ), (सालेम जंक्शन (6 रूट्स ), विजयवाड़ा जंक्शन (5 रूट्स ), बरेली जंक्शन (5 रूट्स ) और टूंडला जंक्शन समेत अन्य जंक्शन स्टेशन शामिल हैं।
टर्मिनल का ये है मतलब बता दें कि अगर किसी रेलवे स्टेशन के नाम के अन्त में टर्मिनल लिखा होने का मतलब यह है कि आगे रेलवे ट्रैक नहीं है। यानि ट्रेन जिस दिशा से आई है वापस उसी दिशा में वापस जाएगी। टर्मिनस को टर्मिनल भी कहा जाता है। इसका मतलब यह ऐसे स्टेशन से हैं जहां से ट्रेन आगे नहीं जाती बल्कि वापस उसी दिशा में लौट जाती है जिधर से वह वापस आई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देश में फिलहाल 27 रेलवे स्टेशन पर टर्मिनल लिखा हुआ है। जिनमें छत्रपति शिवाजी टर्मिनल और लोकमान्य तिलक टर्मिनल देश के सबसे बड़े टर्मिनल स्टेशन हैं।
सेंट्रल का ये होता है मतलब रेलवे स्टेशन के अन्त में सेन्ट्रल लिखे होने का मतलब है कि उस शहर में एक से अधिक रेलवे स्टेशन हैं। जिस रेलवे स्टेशन के अन्त में सेन्ट्रल लिखा हो वह उस शहर का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन होता है। रेलवे स्टेशन के अन्त में सेन्ट्रल लिखे होने का दूसरा मतलब ये भी है कि यह उस शहर का सबसे अधिक व्यस्त रहने वाला रेलवे स्टेशन है। जानकारी के लिए बता दें कि फिलहाल भारत में मुंबई सेन्ट्रल, चेन्नई सेन्ट्रल, त्रिवेंद्रम सेन्ट्रल, मंगलोर सेन्ट्रल, कानपुर सेन्ट्रल प्रमुख सेन्ट्रल स्टेशन हैं।