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थाना नगला सिंघी क्षेत्र के गांव ठार हाथी निवासी 65 वर्षीय देवीराम उर्फ देवगिरी पुत्र स्व.पातीराम गांव घुरकुआ स्थित शिव मंदिर पर विगत दस साल से पूजा अर्चना कर रहे थे। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें आखों से कम दिखाई देता था। हर रोज ही तरह वह सुबह चार बजे दैनिक क्रिया के लिए उठे थे। उसके बाद वह गायब हो गए। मंदिर पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने उसकी खोज की लेकिन उनका कहीं कोई सुराग नहीं लगा।
थाना नगला सिंघी क्षेत्र के गांव ठार हाथी निवासी 65 वर्षीय देवीराम उर्फ देवगिरी पुत्र स्व.पातीराम गांव घुरकुआ स्थित शिव मंदिर पर विगत दस साल से पूजा अर्चना कर रहे थे। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें आखों से कम दिखाई देता था। हर रोज ही तरह वह सुबह चार बजे दैनिक क्रिया के लिए उठे थे। उसके बाद वह गायब हो गए। मंदिर पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने उसकी खोज की लेकिन उनका कहीं कोई सुराग नहीं लगा।
कुएं में मिला शव
खोजबीन के दौरान महात्मा का शव मंदिर से कुछ दूूरी पर बने कुएं में पड़ा मिला। घटना की जानकारी ग्रामीणों ने पुलिस को दी। मौके पर थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार पुलिस फोर्स के साथ पहुंच गए। एक ग्रामीण ने बताया कि वह पूजा अर्चना करने के लिए कुए से पानी लेने गया था तब कुएं में पानी की बाल्टी में बाबा कका शव भी बाहर आ गया। ग्रामीणों की मदद से शव को कुएं से बाहर निकाला गया। पुलिस मौके पर पहुंच गई। ग्रामीणों ने पोस्ट मार्टम कराने से इंकार कर दिया। पुलिस ने पंचनामा भरकर शव को ग्रामीणों के सुपुर्द कर दिया। ग्रामीणों ने महंत को मंदिर के समीप ही समाधि लीन कर दिया। थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार का कहना है कि दिखाई न देने के कारण वृद्ध कुएं में गिर गए थे।