फिरोजाबाद

महावीर जयंती विशेष: मुहम्मद गौरी भी नहीं ढहा सका था इस जैन मंदिर को, नतमस्तक होकर जाना पड़ा था वापस

— फिरोजाबाद के चन्द्रवाड़ में राजा चन्द्रसेन ने बनवाए थे 50 जैन मंदिर, बाकी जैन मंदिरों को मुहम्मद गौरी ने करा दिया था ध्वस्त।

फिरोजाबादApr 17, 2019 / 05:08 pm

अमित शर्मा

chandrawad jain mandir

फिरोजाबाद। फिरोजाबाद के जैन मंदिर का अपना अलग इतिहास है। फिरोजाबाद के चन्द्रवाड़ में स्थित जैन मंदिर को राजा चन्द्रसेन ने करीब 300 साल पहले बनवाया था। उस समय फिरोजाबाद के शासक के रूप में राजा चन्द्रसेन राज्य करते थे। उन्होंने एक साथ 50 जैन मंदिरों का निर्माण कराया था। जिसमें एक प्राचीन मंदिर आज भी मौजूद है जो जैन समाज के लिए आस्था का केन्द्र बना हुआ है। इस मंदिर को मुहम्मद गौरी भी हाथ नहीं लगा सका था। बाकी मंदिरों को इस मुगल शासक ने तुड़वा दिया था।
यमुना खादरों में बसा है मंदिर
जैन मंदिर के पुजारी पंकज जैन बताते हैं कि करीब 300 वर्ष पूर्व जैन समाज के राजा चन्द्रसेन यहां राज्य करने आए थे। उन्हीं ने मंदिर का निर्माण कराया। फिरोजाबाद शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित चन्द्रवाड़ नामक जगह का इतिहास भी राजा चंद्रसेन से जुड़ा हुआ है। राजा चन्द्रसेन क्षेत्र में काफी प्रभावशाली लोगों में गिने जाते थे इसलिए आस—पास के इलाकों में उनका नाम कुछ ही समय में मशहूर हो गया।
मुहम्मद गौरी ने कर दिया था आक्रमण
वह बताते हैं कि मुहम्मद गौरी ने राजा चन्द्रसेन पर आक्रमण कर दिया था। उसने सभी जैन मंदिरों को तोड़ दिया था। केवल एक यही मंदिर शेष रह गया था। इस मंदिर को मुहम्मद गौरी हाथ भी नहीं लगा सका था और नतमस्तक होकर यहां से वापस लौट गया था। इस मंदिर की खासियत है कि इस पूरे मंदिर में कहीं भी लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है। मंदिर को चूने से तैयार कराया गया है। मंदिर काफी मजबूत है।
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