न्यू रेलवे काॅलोनी में यज्ञशाला के सामने करीब डेढ़ वर्ष पूर्व पानी की टंकी रेल अधिकारियों द्वारा बनवाई गई थी। इसका उद्देश्य रेलवे काॅलोनियों में पानी की आपूर्ति कराना था। विगत कई दिनों से रेल कर्मचारियों का परिवार इस पानी को पीकर अपनी प्यास बुझा रहा था। दो दिन से पानी में दुर्गंध आ रहा थी। इसकी शिकायत रेल कर्मियों ने उच्चाधिकारियों से की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
पानी से अधिक दुर्गंध आने पर रेल कर्मियों के परिवारीजनों ने हंगामा कर दिया। उसके बाद कर्मचारियों को टंकी की सफाई करने के लिए भेजा गया। टंकी में सफाई के दौरान एक बंदर का शव निकला। जिसे देखकर रेल कर्मचारियों का परिवार हैरान रह गया। आनन-फानन में बंदर के शव को कर्मचारी दूर ले गए, जिससे वहां कोई हंगामा न हो। इस मामले में रेल कर्मियों का कहना है कि अधिकारियों की लापरवाही से किसी की जान भी जा सकती थी। दूषित पानी पीने से उनके परिवार को इंफेक्शन भी हो सकता था। टंकी शुरू होने के बाद से लेकर आज तक इसकी सफाई नहीं कराई गई।
देर रात रेलवे कॉलोनी की महिलाओं ने अधिकारियों का घेराव कर प्रदर्शन किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि टंकी की पूरी तरह से सफाई की समस्या का समाधान कराया जाएगा। इस मामले को लेकर एईएन आरएस टैगोर का कहना है कि जानकारी मिलने पर टंकह की सफाई कराई गई है। बंदर टंकी में गिरकर मर गए तो इसमें हम क्या कर सकते हैं।