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‘गुरू पूर्णिमा’ का सही अर्थ जानना है तो पढ़िए पत्रिका की यह स्पेशल खबर

locationफिरोजाबादPublished: Jul 16, 2019 07:32:35 pm

Submitted by:

arun rawat

— ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र पर मनाया गया “गुरु पूर्णिमा महोत्सव“, सतगुरु परमात्मा द्वारा स्वर्णिम युग का नवनिर्माण विषय पर हुआ कार्यक्रम।

Guru Purnima

Guru Purnima

फिरोजाबाद। ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र पर मंगलवार को “गुरु पूर्णिमा महोत्सव“ मनाया गया। सतगुरु परमात्मा द्वारा स्वर्णिम युग का नवनिर्माण“ विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। आयोजन में काफी संख्या में महिला-पुरूष शामिल रहे। इस दौरान उपस्थित लोगों को गुरू पूर्णिमा के महत्व के बारे में बताया गया। गुरू क्या है और कौन गुरू हो सकता है। इसकी जानकारी दी गई।
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Guru Purnima
मां है पूर्ण गुरू
सेवा केंद्र प्रभारी बीके विजय बहन ने गुरु पूर्णिमा का महत्व बताते हुए कहा ’गुरुपूर्णिमा’ ( गुरु पूर्ण माँ ) अर्थात सर्वप्रथम माँ ही पूर्ण गुरु है। गुरु ही पूर्ण माँ है। ’गुरूब्र्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः’ ’गुरूसाक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः’।
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Guru Purnima
’गुरु क्या है’
’गुरू एक तेज हे, जिनके आते ही, सारे सन्शय के अंधकार समाप्त हो जाते हैं!’ गुरू वो मृदंग है, जिसके बजते ही अनाहद नाद सुनने शुरू हो जाते है’! ’गुरू वो ज्ञान हैं, जिसके मिलते ही भय समाप्त हो जाता है।’ ’गुरू वो दीक्षा है, जो सही मायने में मिलती है तो भवसागर पार हो जाते है’! ’गुरू वो नदी है,जो निरंतर हमारे प्राण से बहती हैं!’ ’गुरू वो सत् चित् आनंद है,जो हमें हमारी पहचान देता है!’ ’गुरू वो बांसुरी है, जिसके बजते ही मन और शरीर आनंद अनुभव करता है’! ’गुरू वो अमृत है, जिसे पीकर कोई कभी प्यासा नही रहता है!’ ’गुरू वो कृपा है, जो सिर्फ कुछ सद शिष्यों को विशेष रूप मे मिलती है और कुछ पाकर भी समझ नही पाते हैं!’ ’गुरू वो खजाना है, जो अनमोल है’! ’गुरू वो प्रसाद है, जिसके भाग्य में हो उसे कभी कुछ भी मांगने की ज़रूरत नही पड़ती हैं द्यद्य’ ’गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाय,’’बलिहारी गुरू आपने दियो गोबिन्द बताय।’
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जरूरतों का जिक्र इबादत है
’इबादत वो है जिसमें जरुरतों का जिक्र है। सिर्फ सतगुरु रहमतों का शुक्र हो। हिमाचल से पधारी बीके निधि बहन ने बहुत ही सतगुरु और गुरु की महिमा का अपरंपार शाम बांध दिया और सभी भक्तजन झूम उठे मंच पर उपस्थित राकेश कुमार कान्स क्लर्क, सियाराम बघेल जी ठेकेदार, कन्हैया लाल शर्मा रेलवे से, खेतपाल सिंह प्रधानाध्यापक,फुलवर सिंह भाई रेलवे, राधेश्याम भाई, कल्पना बहन, गजेंद्र भाई ,पप्पू भाई ,राजयोगी धीरज भाई,सोवरन भाई ,आकाश भाई, तनु बहन,ममता बहन, रेनू बहन, मुन्नी माता जी आदि मौजूद रहे।
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