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तीन दिन पहले रेलवे क्षेत्र में बने रेस्ट रूम को तोड़कर दोबारा नया भवन बनाने का कार्य मजदूरों द्वारा किया जा रहा था। तभी एक नागिन फन फैलाकर उनके सामने आ गई। नागिन की फुस्कार सुनकर मजदूर काम छोड़कर भाग खड़े हुए। बाद में काफी संख्या में मजदूर एकत्रित होकर आए और नागिन को बाहर निकालने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो सके।
तीन दिन पहले रेलवे क्षेत्र में बने रेस्ट रूम को तोड़कर दोबारा नया भवन बनाने का कार्य मजदूरों द्वारा किया जा रहा था। तभी एक नागिन फन फैलाकर उनके सामने आ गई। नागिन की फुस्कार सुनकर मजदूर काम छोड़कर भाग खड़े हुए। बाद में काफी संख्या में मजदूर एकत्रित होकर आए और नागिन को बाहर निकालने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो सके।
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मजदूरों ने मामले की जानकारी रेल अधिकारियों और पुलिस को दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस और रेल अधिकारियों ने पहले तो उसे बाहर निकालने का प्रयास किया लेकिन जब वह बाहर नहीं आई तो उसे पीने के लिए दूध दिया। नागिन ने न तो दूध पिया और न कमरा ही छोड़ा। सूचना पर वन विभाग की टीम भी मौके पर आई। काफी प्रयास करने के बाद भी नागिन वहां से नहीं निकली। थक हारकर वन विभाग के कर्मचारी भी वहां से चले गए। फिलहाल रेस्ट रूम का काम रूका है।
मजदूरों ने मामले की जानकारी रेल अधिकारियों और पुलिस को दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस और रेल अधिकारियों ने पहले तो उसे बाहर निकालने का प्रयास किया लेकिन जब वह बाहर नहीं आई तो उसे पीने के लिए दूध दिया। नागिन ने न तो दूध पिया और न कमरा ही छोड़ा। सूचना पर वन विभाग की टीम भी मौके पर आई। काफी प्रयास करने के बाद भी नागिन वहां से नहीं निकली। थक हारकर वन विभाग के कर्मचारी भी वहां से चले गए। फिलहाल रेस्ट रूम का काम रूका है।