ऐसे करें बचाव
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) विनोद कुमार ने बताया कि छोटे बच्चों के पेट में कीड़े होने की आशंका अधिक होती है लेकिन यह किसी भी उम्र के लोगों के पेट में बीमारी हो सकती है। इस बीमारी के बढ़ने की वजह गंदगी है। अकसर यह बीमारी उन लोगों में होती है जो शौच के बाद हाथ साफ नहीं करते और गंदे हाथों से खाने पीने का सामान प्रयोग में लेते हैं। गंदे हाथों के जरिए गंदगी हमारे शरीर में पहुंच जाती है और इसकी वजह से पेट में कीड़े पड़ जाते हैं।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) विनोद कुमार ने बताया कि छोटे बच्चों के पेट में कीड़े होने की आशंका अधिक होती है लेकिन यह किसी भी उम्र के लोगों के पेट में बीमारी हो सकती है। इस बीमारी के बढ़ने की वजह गंदगी है। अकसर यह बीमारी उन लोगों में होती है जो शौच के बाद हाथ साफ नहीं करते और गंदे हाथों से खाने पीने का सामान प्रयोग में लेते हैं। गंदे हाथों के जरिए गंदगी हमारे शरीर में पहुंच जाती है और इसकी वजह से पेट में कीड़े पड़ जाते हैं।
रखें साफ—सफाई
उन्होंने बताया कि यही नहीं अन्य ऐसी कई बीमारियां हैं जो गंदगी की वजह से होती हैं। इसलिए साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। खाना खाने से पहले हाथों को साबुन से धोएं। पेट के कीड़े मारने के लिए अलबंडाजोल टैबलेट वर्ष में दो बार स्कूलों में जाकर खिलाई जाती हैं, जिससे बच्चों के पेट में होने वाले कीड़ों को समाप्त किया जा सके और वह स्वस्थ रह सकें। अकसर पेट में कीड़े होने के बाद बच्चे को भूख नहीं लगती, कुछ खाता भी है तो शरीर में नहीं लगता। स्वस्थ बच्चे को भी इसकी एक टेबलेट खिलाई जा सकती है।
उन्होंने बताया कि यही नहीं अन्य ऐसी कई बीमारियां हैं जो गंदगी की वजह से होती हैं। इसलिए साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। खाना खाने से पहले हाथों को साबुन से धोएं। पेट के कीड़े मारने के लिए अलबंडाजोल टैबलेट वर्ष में दो बार स्कूलों में जाकर खिलाई जाती हैं, जिससे बच्चों के पेट में होने वाले कीड़ों को समाप्त किया जा सके और वह स्वस्थ रह सकें। अकसर पेट में कीड़े होने के बाद बच्चे को भूख नहीं लगती, कुछ खाता भी है तो शरीर में नहीं लगता। स्वस्थ बच्चे को भी इसकी एक टेबलेट खिलाई जा सकती है।