दरअसल फिरोजाबाद में पहली बार मेयर पद के लिए चुनाव होने जा रहा है। ऐसे में सभी राजनैतिक दल जिले में अपनी पार्टी का मेयर चाहते हैं, यही कारण है कि लगभग सभी पार्टियों ने अपनी—अपनी पार्टी से मेयर पद के प्रत्याशी को उतारा है। इस बीव असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपनी पार्टी एआईएमआईएम से मशरूर फातिमा को मेयर पद का प्रत्याशी बनाया है। ओवैसी का मानना है कि फिरोजाबाद में मुस्लिम मतदाता अधिक होने से पहली बार में ही उनकी पार्टी का प्रत्याशी मेयर पद की सीट हासिल कर सकता है। हालांकि शहर में अब तक मुस्लिम वोटर्स की बड़ी तादाद सपा और बसपा के साथ रही है। लेकिन ओवैसी की पार्टी के प्रत्याशी ने पार्टियों के बीच मुस्लिम वोट बैंक का गणित बिगाड़ दिया है। ऐसे में सभी पार्टियां मुस्लिम मतदाताओं को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं। वे समझ नहीं पा रही हैं कि आखिर इस बार मुस्लिम वोटर किसके साथ हैं।
भाजपा को छोड़कर सपा, कांग्रेस और बसपा के बीच मुस्लिम वोटरों को लेकर खींचतान का सिलसिला जारी है। वहीं मुस्लिम मतदाता भी इस बीच सभी प्रत्याशियों को खुश करने की कोशिश में लगे हुए हैं, इसलिए अभी ये स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि इस बार मुस्लिम वोटर किसे अपनाएंगे और किसे बाहर का रास्ता दिखाएंगे। जिले की नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में भी मुस्लिम वोटर बहुतायत संख्या में हैं। ऐसे में इस अहम वोट को हासिल करने के लिए भाजपा भी एड़ी से लेकर चोटी तक दम लगा रही है।
फिरोजाबाद शहर के अंदर करीब 15 से 25 हजार मुस्लिम मतदाता हैं। इसी प्रकार नगर पालिकाओं में भी करीब आठ से 12 हजार और नगर पंचायतों में पांच से 10 हजार मुस्लिम मतदाता हैं। निकाय चुनाव में मुस्लिम वोटरों के लिए हर प्रत्याशी एड़ी से चोटी का जोर लगा रहा है। अब देखना यह होगा कि आने वाले आठ दिनों में कौन कितना मुस्लिम वोटरों को खुश कर पाता है।