जिले के नौ ब्लाकों में से तीन ब्लाकों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है जबकि तीन ब्लााक अभी भी ओडीएफ होने से वंचित हैं। वंचित ब्लाकों को ओडीएफ करने के लिए लगातार उच्चाधिकारियों द्वारा प्रयास किया जा रहा है। ओडीएफ प्रस्ताव के लिए भी लगातार दबाव बनाया जा रहा है। ऐसी पंचायतों से भी ओडीएफ प्रस्ताव लिए जा रहे हैं। जहां अभी तक शौचालय निर्माण का कार्य पूरा नहीं हो पाया है।
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय निर्माण के लिए विश्व बैंक की टीम अनुदान राशि दे रही है। ऐसे में अनुदान राशि का कितना सार्थक प्रयोग किया जा रहा है। इसके आंकलन के लिए विश्व बैंक की टीम समीक्षा करने के लिए टूंडला ब्लाकों के गांवों में आ रही है। वहीं योगी सरकार ने भी स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि समय से शौचालय निर्माण कार्य कराकर ओडीएफ घोषित नहीं किया गया तो जिले के उच्चाधिकारियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। वहीं इस मामले में डीएम नेहा शर्मा का कहना है कि पूरे प्रयास किए जा रहे हैं कि समय से जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया जाए। इसके लिए युद्ध स्तर पर शौचालय निर्माण कार्य कराया जा रहा है।