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SPECIAL: ओडीएफ के फर्जीवाड़े को लेकर पढ़िए पत्रिका की ये स्पेशल रिपोर्ट, हकीकत जानकर रह जाएंगे हैरान

locationफिरोजाबादPublished: Sep 19, 2018 08:04:55 pm

– फिरोजाबाद में बिना शौचालय घोषित कर दिए गए हाथवंत, जसराना, शिकोहाबाद, एका ब्लाक ओडीएफ घोषित, अभी 60 प्रतिशत शौचालय भी नहीं हैं तैयार।

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फिरोजाबाद। मोदी सरकार के स्वच्छ भारत मिशन को जिले के अधिकारी आईना दिखाने का काम कर रहे हैं। जिले को दो अक्टूबर तक ओडीएफ करने के चक्कर में अधिकारी शौचालय निर्माण की ओर ध्यान न देकर फर्जी जिओ टैगिंग करवा रहे हैं। इसकी वजह से गांव का परसेंटेज बढ़ जाए और समय के अंदर ही पूरे जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया जाए। वर्तमान स्थिति देखें तो जिले भर में अभी तक करीब 60 प्रतिशत शौचालयों का निर्माण ही हो सका है जबकि तमाम गांवों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। वैरीफिकेशन के नाम पर भी केवल खानापूूर्ति की जा रही है। मंडलीय टीम को शीघ्र शौचालय निर्माण कराने का आश्वासन देकर ओडीएफ वेरीफिकेशन कराया जा रहा है।
ओडीएफ के नाम पर हो रहा मजाक
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की शुरूआत दो अक्टूबर 2014 में फिरोजाबाद से हुई थी। तब से लेकर आज तक जिले भर के नौ ब्लाकों में शौचालय निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। अब दो अक्टूबर 2018 को पूरा जिला ओडीएफ घोषित होना है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा समय-समय पर समीक्षा की जा रही है। डीएम नेहा शर्मा ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह इस कार्य को गंभीरता से लें और समय के अंदर ही जिले को ओडीएफ करने में सहयोग प्रदान करें लेकिन ओडीएफ के नाम पर लाभार्थियों के साथ मजाक किया जा रहा है।
शौचालय बनाए बिना ही कर दिए ओडीएफ
हाथवंत, एका, जसराना, शिकोहाबाद को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। इन ब्लाकों से सभी पंचायतों के प्रस्ताव मंगा लिए गए हैं। हकीकत देखी जाए तो अभी 60 प्रतिशत से अधिक शौचालय धरातल पर नहीं हैं जबकि फिजिकल एमआईएस पूरी करा दी गई है। इनमें तमाम ऐसे गांव भी शामिल हैं जहां अभी तक शौचालय निर्माण का कार्य शुरू भी नहीं हुआ और गांव को ओडीएफ करने की तैयारी विभाग अधिकारियों ने कर ली है। ऐसे में समय के अंदर इस प्रकार के ओडीएफ का क्या मतलब।
केवल स्ट्रक्चर खड़ा कर करा दी जिओ टैगिंग
जिओ टैगिंग का अर्थ है पूरा शौचालय निर्माण। उसके बाद ही शौचालय का फोटो खींचा जाता है लेकिन यहां केवल स्ट्रक्चर खड़ा करके उन पर एलजीडी कोड डालकर ओडीएफ घोषित किया जा रहा है। लाभार्थी अभी तक समझ ही नहीं पा रहा है कि उनके शौचालयों का निर्माण पूरा क्यों नहीं हो पा रहा है। जिओ टैगिंग के बाद ठेकेदार उस शौचालय की ओर झांकना भी पसंद नहीं करता। जिले भर में अभी भी करीब 70 प्रतिशत ग्रामीण खुले में शौच करने जा रहे हैं।
डीपीआरओ को लगी थी फटकार
दो दिन पहले केन्द्रीय टीम शौचालय की जांच करने आई थी। जहां मौके पर गड्ढे नहीं मिले थे। स्ट्रक्चर खड़ा करके जिओ टैगिंग कराई जा रही थी। टीम मेें शामिल अधिकारियों ने डीपीआरओ को कड़ी फटकार लगाई थी।

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