सोफीपुर पर है यह मार्ग
फिरोजाबाद का पुराना नाम वैसे तो चन्द्रनगर है। यहां डकैतों का भी आतंक रहा है। दिन दहाड़े लोगों के साथ लूट की वारदात को अंजाम देने वाले इस गिरोह के बदमाश सोफीपुर क्षेत्र में ही डेरा जमाए हुए थे। शहर के बुजुर्ग 70 वर्षीय रामसनेही बताते हैं कि पहले यहां डकैतों का बहुत बोलबाला था। दिन में भी लोग इस रास्ते से गुजरने में डर महसूस करते थे। समय के साथ सबकुछ बदलता चला गया। अब यहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बन गया है और आवागमन भी अधिक होने लगा है। बदमाश अब समाप्त हो गए।
फिरोजाबाद का पुराना नाम वैसे तो चन्द्रनगर है। यहां डकैतों का भी आतंक रहा है। दिन दहाड़े लोगों के साथ लूट की वारदात को अंजाम देने वाले इस गिरोह के बदमाश सोफीपुर क्षेत्र में ही डेरा जमाए हुए थे। शहर के बुजुर्ग 70 वर्षीय रामसनेही बताते हैं कि पहले यहां डकैतों का बहुत बोलबाला था। दिन में भी लोग इस रास्ते से गुजरने में डर महसूस करते थे। समय के साथ सबकुछ बदलता चला गया। अब यहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बन गया है और आवागमन भी अधिक होने लगा है। बदमाश अब समाप्त हो गए।
प्रशासन ने बनवाया ट्रीटमेंट प्लांट
70 करोड़ की लागत से तैयार इस प्लांट की कैपेसिटी 67 एमएलडी (मिलियन लीटर पर डे) है। शहर के नालों में बहने वाले गंदे पानी को सीधे यमुना में जाने से पहले रोका जाएगा। इस पूरे सीवेज को पाइप लाइन के जरिए प्लांट तक ले जाने का काम किया जाएगा। उसके बाद प्लांट में ले जाकर दूषित पानी को शुद्ध किया जाएगा। उसके बाद उसे यमुना में छोड़ा जाएगा। ऐसा करने के बाद यमुना का जल शीतल और शुद्ध हो सकेगा। इस प्लांट के बनने के बाद शहर से जुड़ाव भी हो गया है। धीरे—धीरे बदमाशों का खौफ भी समाप्त हो गया है। सीडीओ नेहा जैन ने बताया कि यहां पहले क्या था यह उन्हें नहीं पता लेकिन अब वहां वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बना है। जो शहर के नालों के पानी को साफ करने का काम करेगा।
70 करोड़ की लागत से तैयार इस प्लांट की कैपेसिटी 67 एमएलडी (मिलियन लीटर पर डे) है। शहर के नालों में बहने वाले गंदे पानी को सीधे यमुना में जाने से पहले रोका जाएगा। इस पूरे सीवेज को पाइप लाइन के जरिए प्लांट तक ले जाने का काम किया जाएगा। उसके बाद प्लांट में ले जाकर दूषित पानी को शुद्ध किया जाएगा। उसके बाद उसे यमुना में छोड़ा जाएगा। ऐसा करने के बाद यमुना का जल शीतल और शुद्ध हो सकेगा। इस प्लांट के बनने के बाद शहर से जुड़ाव भी हो गया है। धीरे—धीरे बदमाशों का खौफ भी समाप्त हो गया है। सीडीओ नेहा जैन ने बताया कि यहां पहले क्या था यह उन्हें नहीं पता लेकिन अब वहां वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बना है। जो शहर के नालों के पानी को साफ करने का काम करेगा।